H3N2 के लक्षण वाले वायरस सक्रिय, हर दिन अस्पताल पहुंच रहे मरीज

रीवा में वायरस पहचान की व्यवस्था नहीं, सरकार की भी नहीं आई कोई गाइडलाइन

रीवा। मौसम में बदलाव के साथ नई बीमारियां भी आती हैं। इस बार देश के दूसरे हिस्सों में एच3एन2 वायरस के मरीज काफी अधिक मिल रहे हैं। रीवा में भी इसके लक्षण से मिलते-जुलते मरीज सामने आ रहे हैं लेकिन यहां पर जांच नहीं होने की वजह से अभी तक वायरस की पुष्टि नहीं हो पाई है। अस्पताल आने वाले अधिकांश मरीज यह जानना चाहते हैं कि उन्हें सर्दी-जुकाम सामान्य है या फिर फिर नए वायरस का प्रकोप है।



चिकित्सकों का कहना है कि बीते करीब दो सप्ताह से सर्दी-जुकाम और फेफड़े में इंफेक्शन से जुड़े मरीज पहुंच रहे हैं लेकिन यह सामान्य तौर पर हर मौसम बदलाव के समय होता है। एक ओर सोशल मीडिया के जरिए इस नए वायरस को लेकर लोगों में डर भी बन रहा है, वहीं दूसरी ओर अब तक सरकार की ओर से कोई गाइडलाइन इसको लेकर अलग से नहीं आई है। जिसकी वजह से चिकित्सक भी इसकी पहचान के लिए अनुशंसा नहीं कर रहे हैं।



मेडिकल कालेज के संजयगांधी अस्पताल में ओपीडी में सर्दी, जुकाम, खांसी की समस्या से जुड़े हर दिन करीब ढाई से तीन सौ की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। वहीं बच्चों में भी सर्दी-खांसी बढ़ी है, हर दिन करीब आधा सैकड़ा से अधिक संख्या में बच्चे भी पहुंच रहे हैं। इसी तरह जिला अस्पताल एवं प्राइवेट अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में इसके लक्षण से मिलते जुलते मरीज पहुंच रहे हैं। रीवा के किसी भी मरीज में अब तक एच3एन2 इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। चिकित्सकों का कहना है कि मौसम में बदलाव के चलते रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी), एडिनो वायरस और राइनो वायरस भी सक्रिय है।




वायरस में ये लक्षण दिखते हैं
– एच3एन2- तेज बुखार, दो सप्ताह तक खांसी, गले में खराश व दर्द।
– एडिनो वायरस- हल्का बुखार, खांसी, जुकाम, पेट दर्द, दस्त और आंखें लाल होना।
 आरएसवी वायरस– गले में दर्द, चेहरे व गले में सूजन, कफ की समस्या, कमजोरी और बदन दर्द।
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बच्चों में निमोनिया बढ़ रहा, हो रहे भर्ती
जीएमएच में नए वायरस से जुड़े बच्चे हर दिन सैकड़ाभर की संख्या में आ रहे हैं। जीएमएच के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक द्विवेदी का कहना है कि तेज बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द, खांसी, सर्दी, नाक का बहना और श्वसन से जुड़ी दिक्कतें एच3एन2 वायरस के लक्षण हो सकते हैं। कुछ बच्चों में दस्त और उल्टी जैसे गैस्ट्रिक समस्याएं भी देखी हैं। बुखार कुछ दिन में उतर जाता है, लेकिन खांसी लगातार बढ़ती जाती है। यह संक्रमण 8 से 10 दिनों तक परेशान कर सकता है। डॉ. द्विवेदी ने बताया कि जिनमें इंफेक्शन अधिक होता है उन्हें निमोनिया हो जाता है और भर्ती करना पड़ रहा है।



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रीवा में एच3एन2 वायरस पहचान की व्यवस्था अभी नहीं है। सरकार की ओर से भी गाइडलाइन नहीं आई है। उसके लक्षण से मिलते-जुलते मरीज आ रहे हैं। इसमें लोग घबराएं नहीं, सतर्कता के साथ चिकित्सक के पास पहुंचे। बच्चों में लक्षण अधिक होते हैं।
डॉ. नरेश बजाज, विभागाध्यक्ष बाल्य एवं शिशु रोग विभाग मेडिकल कालेज रीवा




हर मौसम बदलाव के समय कुछ नए वायरस सक्रिय होते हैं। अभी कई वायरस सक्रिय हैं, इनकी पहचान तो रीवा में नहीं हो रही है लेकिन लक्षण वाले मरीज आ रहे हैं। यह अपने आप ही कुछ दिन की अवधि में ठीक हो जाता है। कुछ मरीजों को भर्ती भी करना पड़ रहा है।
डॉ. मनोज इंदुरकर, विभागाध्यक्ष मेडिसिन विभाग मेडिकल कालेज

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