सरकारी अस्पताल में मरीज के परिजन से मारपीट: स्टाफ की गुंडागर्दी कैमरे में कैद, जनता बेहाल कब मिलेगा न्याय.

सरकारी अस्पताल में मरीज के परिजन से मारपीट: स्टाफ की गुंडागर्दी कैमरे में कैद, जनता बेहाल कब मिलेगा न्याय.

मध्यप्रदेश के रीवा जिले में स्थित संजय गांधी अस्पताल (Sanjay Gandhi Memorial Hospital, Rewa) में मरीज के परिजन के साथ मारपीट का सनसनीखेज मामला सामने आया है। अस्पताल के स्टाफ द्वारा युवक को इतना पीटा गया कि वह बेहोश होकर गिर पड़ा, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस घटना से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार पर फिर से सवाल खड़े हो गए हैं।

क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, बघवार, चोरगढ़ी निवासी फूलमती शुक्ला अपने बेटे देवेंद्र नाथ शुक्ला और बेटी शशि मिश्रा के साथ इलाज कराने संजय गांधी अस्पताल आई थीं। फूलमती के पैर में चोट लगी थी, जिसके चलते एक्स-रे करवाने के बाद उनका बेटा रिपोर्ट लेने एक्स-रे वार्ड के कमरे में गया, जहां अस्पताल स्टाफ से विवाद हो गया। इस दौरान, चार कर्मचारियों ने देवेंद्र को कमरे में बंद कर बेरहमी से पीटा, जिससे वह बेहोश हो गया।

जब बहन शशि मिश्रा उसे बचाने पहुंची तो उसके साथ भी मारपीट की गई। घटना के बाद अस्पताल के बाहर परिजन रोते-बिलखते रहे और न्याय की गुहार लगाते रहे।

CCTV से होगा खुलासा, परिजन बोले- दोषियों पर हो कार्रवाई
परिजनों का कहना है कि एक्स-रे वार्ड में लगे सीसीटीवी कैमरे चेक किए जाएं, तो पूरी घटना का सच सामने आ सकता है। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से अपील की है कि दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

वहीं, इस मामले में रेडियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव शर्मा ने कहा,
“मारपीट की जानकारी मिली है। पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। अगर कोई दोषी पाया गया तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”

स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में लचर स्वास्थ्य सेवाएं, जनता कहां जाए?
यह मामला और भी गंभीर इसलिए हो जाता है क्योंकि रीवा मध्यप्रदेश के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल (Rajendra Shukla) का गृह जिला और गृह विधानसभा क्षेत्र है। उनके घर से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सरकारी अस्पताल में ऐसी घटना होना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की जमीनी सच्चाई उजागर करता है।

रीवा का प्रार्थना अस्पताल भी लापरवाही के लिए चर्चित
सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों का शोषण और लापरवाही की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। हाल ही में रीवा के प्रार्थना अस्पताल (Prarthana Hospital, Rewa) पर गंभीर आरोप लगे थे, जहां इलाज में लापरवाही और मरीजों से अनावश्यक शुल्क वसूली की घटनाएं सामने आई थीं।

इसी तरह, रतलाम जिले के एक निजी अस्पताल में ICU में मरीज को बंधक बनाए जाने की घटना भी सामने आई थी। सवाल उठता है कि अगर सरकारी अस्पताल में मरीजों के परिजनों को पीटा जाएगा और निजी अस्पतालों में उन्हें लूटा जाएगा, तो मरीज आखिर जाएं कहां?

जनता के सवाल और सरकार से उम्मीदें
सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ दुर्व्यवहार और मारपीट जैसी घटनाएं क्यों हो रही हैं?
रीवा के सरकारी अस्पताल में हुई इस घटना के CCTV फुटेज कब सार्वजनिक किए जाएंगे?
रीवा के स्वास्थ्य मंत्री अपने ही क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर क्या कदम उठाएंगे?
निजी अस्पतालों की मनमानी और लापरवाही पर सरकार कब तक चुप बैठेगी?
क्या पीड़ित परिजनों को न्याय मिलेगा और दोषी स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई होगी?

जनहित के लिए आम जन से यह मांग उठाई गई है ।

मरीजों की सुरक्षा के लिए सरकारी अस्पतालों में स्टाफ की जवाबदेही तय की जाए।
अस्पतालों में मरीजों से जुड़ी हर घटना के CCTV फुटेज को अनिवार्य रूप से जांचा जाए।
निजी अस्पतालों की लापरवाही रोकने के लिए सख्त कानून बनाए जाएं और हेल्पलाइन नंबर सक्रिय किए जाएं।
मरीजों और उनके परिजनों के अधिकारों की रक्षा के लिए अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जाए।

अगर सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो जनता को मजबूर होकर न्याय के लिए सड़कों पर उतरना पड़ेगा। अब देखना होगा कि इस मामले में सरकार क्या कदम उठाती है या फिर यह भी एक और अनसुनी घटना बनकर रह जाएगी?

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