MP में रूट के झमेले में फंसा Vande Bharat Express Train का संचालन, जबलपुर-इंदौर और रीवा-भोपाल में फंसा पेंच
Vande Bharat Express train stuck in MP route: Screw stuck in Jabalpur-Indore and Rewa-Bhopal
पश्चिम मध्य रेल जोन को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के दो रैक मिलने वाले है, लेकिन ट्रेन के रूट को लेकर पेंच फंस गया है। जबलपुर, भोपाल, रतलाम, कोटा रेल मंडल सभी के अलग-अलग प्रस्ताव हैं। जिस पर रेलवे को अंतिम फैसला लेना है।
Vande Bharat Express train: रेलवे ने देशभर में 75 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का फैसला लिया हैं। मध्य प्रदेश में जबलपुर समेत भोपाल और रतलाम रेल मंडल को भी कम से कम एक रैक मिलने की योजना है। जबलपुर से इंदौर तक ट्रेन संचालन की सुगबुगाहट तो हुई, लेकिन इसका संचालन रूट के झमेले में फंस गया हैं। तीनों रेल मंडल के अपने अलग-अलग प्रस्ताव है। रैक मेंटनेंस को लेकर बताई जा रही जगहों को लेकर रेलवे सहमत नहीं हैं। जबकि सबसे ज्यादा डिमांडफुल रूट जबलपुर-इंदौर है।
MP में वंदे मातरम ट्रेन पर सस्पेंस
नए साल में मध्य प्रदेश में भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन दौड़ेगी। लेकिन किन बड़े शहरों को इस ट्रेन की सौगात मिलेगी और रूट क्या रहेगा, इस पर सस्पेंस बढ़ गया है। एमपी में रतलाम समेत भोपाल, जबलपुर रेल मंडल है। वहीं पश्चिम मध्य रेल जोन की बात करें तो उसमें जबलपुर, भोपाल और कोटा रेल मंडल आते है। रेलवे ने सभी मंडल में कम से कम एक रैक देने की योजना बनाई थी। देश भर में लगभग 67 रेल मंडल हैं। एमपी में अभी यह तय नहीं हो सका है कि ट्रेन का संचालन किन शहरों के बीच किया जाए।
सबसे ज्यादा डिमांड जबलपुर-इंदौर रूट की
एमपी की न्यायधानी कहे जाने वाले जबलपुर से आर्थिक राजधानी इंदौर तक ट्रेन संचालन की ज्यादा डिमांड आंकी गई थी। इसकी बड़ी वजह इस रूट पर 12 महीने ज्यादा ट्रैफिक मिलना भी है। अभी जबलपुर से इंदौर तक सुपरफास्ट ओवर नाइट एक्सप्रेस ट्रेन चलती है। दूसरी ट्रेन जबलपुर इटारसी के रास्ते बिलासपुर से इंदौर तक नर्मदा एक्सप्रेस है। यात्रियों को भी ऐसी ट्रेन की डिमांड है जो कम वक्त में उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचा दें। जबलपुर-इंदौर रूट यदि तय होता है तो इससे भोपाल भी कनेक्ट होगा।
मार्च तक मिलना है दो रैक
रेल प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक मार्च तक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के दो रैक एमपी को मिलना है। रतलाम रेल मंडल इंदौर से जबलपुर रूट की कवायद में जुटा है, तो जबलपुर रेल मंडल रीवा से भोपाल तक ट्रेन चलाने का मन बना रहा है। इसी तरह भोपाल रेल मंडल का कोटा तक ट्रेन संचालन का मन डोल रहा है। यदि रतलाम रेल मंडल की कोशिशे कामयाब हुई और जबलपुर इंदौर रूट के लिए रैक को हरी झंडी मिली, तो दूसरा रैक किन स्टेशनों के बीच होगा, यह फैसला भोपाल और जबलपुर रेल मंडल के बीच उलझ जाएगा।
वंदे भारत से 8 से 9 घंटे का सफ़र
ख़ास बात यह है कि इस ट्रेन में सिटिंग अरेंजमेंट है। रेलवे इस बात का भी ख्याल रख रही है कि प्रस्थान गंतव्य स्टेशनों के बीच का सफ़र आठ से नौ घंटे में पूरा हो जाए। क्योकि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के सभी कोच में सीट बैठने वाली ही हैं। ओवरनाइट एक्सप्रेस से जबलपुर से इंदौर का सफ़र अभी लगभग साढ़े नौ घंटे में पूरा होता है। रीवा से भोपाल पहुंचने में भी लगभग इतना ही वक्त लगता है। वंदे भारत ट्रेन में स्टॉपेज भी कम होंगे और स्पीड भी ज्यादा। इस वजह से यह ट्रेन 8 से नौ घंटे में सफ़र पूरा करा सकती है।
कही दूसरे रूट का सरप्राइज न मिल जाए
पश्चिम मध्य रेल जोन के CPRO राहुल श्रीवास्तव के मुताबिक जोन को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के दो रैक मिलना है। ट्रेन के रूट तय करने पर विचार चल रहा है। जल्द ही फैसला लिया जाएगा। वहीं जानकार यह भी कह रहे है कि यदि झंझट ज्यादा बढ़ी, तो हो सकता है कि रेल प्रशासन दूसरे रूट पर भी ट्रेन संचालित कर सकता है। जिसमें जबलपुर से रायपुर, लखनऊ, प्रयागराज या उज्जैन का विकल्प भी शामिल हैं।