लोन के लिए बेरोजगार लगाते हैं दलालों के चक्कर
रीवा:जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र में उद्यमियों की समस्याओं का हल नहीं हो पा रहा है। जानकारी लेने के लिए आए लोगों को समय से जानकारी नहीं मिल पाती है और जिन्होंने आवेदन कर दिया है, वे आवेदक लोन के लिए भटक रहे हैं। जिसमें दर्जनों आवेदक ऐसे हैं जिनके प्रकरण में कई महीनों से कोई भी प्रगति नहीं हो पाई है। दलालों का सहारा लेने के बाद लोन आसानी से मिल जाता है। उद्यमियों को मिलने वाली सब्सिडी दलाल और बैंक कर्मी हजम कर जाते हैं ।
अधिकारी रहते हैं नदारद, बाबुओं सेलेनी पड़ती है जानकारी
जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र बैंकों से सामंजस्य बनाकर लोन दिलाने की बजाय प्रकरण भेजने के लक्ष्य पर केन्द्रित रहता है। ऐसे में अधिक संख्या में प्रकरण भेजे जाने ,कर्ज के लिए भटकना बना मजबूरी
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महीनों इंतजार करवाने के बाद कर देते हैं इंकार
विभाग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक उद्यम शुरू करने के लिए आवेदन करने वाले लोगों को लोन मिलने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सरकारी गारंटी होने के बावजूद भी बैंक कोई रिस्क उठाने को तैयार नहीं है। जिसके कारण इन्हें अन्य लोन की तरह ही कागजी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कमजोर आर्थिक स्थिति वाले आवेदक परेशान रहते हैं और लगातार बैंक बदलकर ऋण लेने की कोशिश में लगे रहते हैं।
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मिली जानकारी के मुताबिक दर्जनों ऐसे प्रकरण हैं, जिन्हें कई महीनों से लोन के लिए लटकाया गया और बाद में ऋण देने से इंकार कर दिया गया। बावजूद भी आवेदकों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ ही कार्यालय में अधिकारियों की अनुपस्थिति लगातार बनी रहती है।जिससे योजना का पता करने आए इच्छुक लोगों को महाप्रबंधक कार्यालय के सामने बैठे बाबुओं से जानकारी लेनी पड़ती है ।