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समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए उत्तर प्रदेश से लाई गई दो ट्रक धान जब्त

रीवा. समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए बिचौलियों की बढ़ती सक्रियता के बीच उत्तर प्रदेश से लाई गई दो ट्रक धान को रीवा के टीकर गांव से जब्त किया गया है। इसकी सूचना स्थानीय निवासियों ने प्रशासन को दी थी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और धान को जब्त कर मामला दर्ज किया। इस कार्रवाई के बाद सवाल उठ रहा है कि जिले में कलेक्टर द्वारा उत्तर प्रदेश की धान का परिवहन पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के बाद भी जिले के दूसरे छोर तक धान कैसे पहुंच गई। वर्तमान में जिले में 123 खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन किया जा रहा है।




राजस्व, नागरिक आपूर्ति निगम तथा खाद्य विभाग के अधिकारियों द्वारा ग्राम टीकर में ललई यादव उर्फ संतोष यादव के घर से 1600 बोरी अवैध धान जब्त की गई है। इसका मूल्य 12 लाख 24 हजार रुपए तथा वजन लगभग 622 क्विंटल बताया गया है।

सरपंच पति ने किसान के घर रखवाई थी धान

एसडीएम हुजूर अनुराग तिवारी ने बताया कि प्रकरण की जांच की जा रही है। आरोपी ललई यादव द्वारा बताया गया कि उनके घर में वर्तमान सरपंच टीकर के पति शंकरदयाल गुप्ता द्वारा उत्तरप्रदेश से लाकर धान रखी गई है। जिसे समर्थन मूल्य पर बेचने का प्रयास किया जा रहा है। उनके पास खेती योग्य जमीन नहीं है तथा उन्होंने धान उपार्जन के लिए पंजीयन भी नहीं कराया है। प्रथम दृष्टया अवैध पाए जाने पर धान को जब्त कर शासकीय गोदाम में सुरक्षित किया गया है।




पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। इसमें लिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। जांच की कार्यवाही नायब तहसीलदार गोविंदगढ़, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम पंकज बोरसे, खाद्य निरीक्षक सुभाष द्विवेदी तथा दिलीप मिश्रा द्वारा की गई।

बोरियों में यूपी सरकार का मोनो मिला टीकर गांव में कार्रवाई के दौरान जब्त की गई धान की बोरियों में उत्तरप्रदेश सरकार खाद्य तथा रसद विभाग का मोनो लगा हुआ पाया गया है। कुछ बोरियों में पंजाब का पता लिखा हुआ भी पाया गया है।




माना जा रहा है कि व्यापारी ने धान बेचने के लिए पहले ही कहीं दूसरी जगह रखवा लिया था अब खरीदी केन्द्र तक पहुंचाने के लिए टीकर लेकर आया है। जांच टीम ने धान के साथ पाई गई मिट्टी और टीकर गांव की स्थानीय मिट्टी में समानता नहीं पाई है। इसलिए यह पुष्ट हो रहा है कि उक्त धान उत्तर प्रदेश की है।

एक बार लौट गई थी टीम, कलेक्टर की फटकार के बाद लौटी टीकर पहुंची प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम पहले गांव पहुंची, किसी का फोन आया तो वह वापस लौट गई। कुछ पुलिसकर्मी रुके रहे लेकिन प्रशासनिक टीम के जाने के बाद वह फिर से वापस लौटने लगे। इस दौरान वहां पर मौजूद लोगों ने कलेक्टर को इसकी सूचना दी और बताया कि किस तरह से राजनीतिक दबाव में आकर अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे हैं।




कलेक्टर की फटकार के बाद अधिकारियों का दल फिर से पहुंचा और पूरी प्रक्रिया अपनाई। बताया जा रहा है सरपंच पति राजनीतिक व्यक्ति भी है। उसके संबंध सत्ताधारी दल के कई नेताओं के साथ हैं। इसलिए वह प्रशासन पर राजनीतिक दबाव बनाना चाह रहा था।

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