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उत्तर से दक्षिण भारत को जोड़ने वाली रीवा-लखनादौन एनएच-34 सड़क की लगने वाली है बोली,

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस आमदनी से नई सड़कें बनवाने के लिए वित्त एकत्र करनें के फिराक में है । मध्य प्रदेश में सबसे पहले रीवा-लखनादौन की 287 किमी सड़क को एक निर्धारित समय के लिए निजी हाथों में दिया जाएगा। यह लीज 25 से 49 वर्ष तक की दी जाने की योजना है।




उत्तर प्रदेश के वाराणसी से दक्षिण भारत के कन्याकुमारी को जोड़ने वाली सड़क एनएच-34 का एक हिस्सा किराए से देने की तैयारी चल रही हे। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस आमदनी से नई सड़कें बनवाने के लिए वित्त एकत्र करेगा।




मध्य प्रदेश में सबसे पहले रीवा-लखनादौन की 287 किमी सड़क को एक निर्धारित समय के लिए निजी हाथों में दिया जाएगा। यह लीज 25 से 49 वर्ष तक की दी जाने की योजना है।




नई सड़को के लिए वित्त एकत्र करना है 

नई सड़कों का जाल बिछाने के लिए एनएचएआइ अब सड़क निजी हाथों में देकर एक मुश्त राशि जुटाने के प्रयास में है ताकि और सड़कोें का निर्माण हो सके। मप्र में सबसे पहले रीवा-लखनादौन की 287 किमी सड़क मार्ग को एक निर्धारित समय के लिए निजी हाथों में दिया जाएगा।




राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण करीब ढाई हजार रुपये में इस सड़क को किराए पर देना चाह रहा है । साल 2020 में यह सड़क करीब 4348 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुई थी।




लाखो रुपये की आय टोल के जरिए होती है,

जब से यह सड़क बनकर तैयार हुई है। इसमें रीवा से जबलपुर के बीच चार टोल नाके हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 30 और 34 इसमें आते हैं । पहला टोल अमरपाटन, दूसरा मैहर, तीसरा टोल सिहोरा और चौथा टोल बरगी में पड़ता है। इस सड़क में प्रतिदिन 70- 80 लाख रुपये की आय टोल के जरिए होती है। निजी कंपनी जब सड़क खरीद लेगी तो यह टोल से मिलने वाली पूरी आय कंपनी की होगी। अभी राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण टोल से होने वाली आय को लेता है। टोल वसूली के लिए एनएचएआइ ने एजेंसी नियुक्त की है जो एक निर्धारित कमीशन लेती है।




कब तक होगी प्रक्रिया 

फिलहाल प्राधिकरण इस सड़क से जुड़े आय-व्यय का आकलन कर रहा है। इसी आधार पर निविदा की प्रक्रिया होगी। स्थानीय अफसरों का अनुमान है कि अप्रैल 2023 तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। निविदा निकालकर निजी कंपनियों से आफर बुलाए जाएंगे।




 

रीवा-लखनदौन सड़क को टीओटी माडल में देने की तैयारी हो रही है। यह कार्य एनएचएआइ के उच्च स्तर पर किया जा रहा है। पूरी प्रक्रिया होने के बाद निविदा निकाली जाएगी। देश के लेागों से पैसा जुटाकर एनएचएआइ अधोसंचना बनाने पर जोर दे रही है। प्रदेश के कुछ राज्यों में इस योजना के तहत सड़क दी गई है।

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