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Rewa News: खनिज माफियाओं की बाढ़, क्रेशर संचालको के आगे अधिकारियों ने घुटने टेके

 

Rewa News: एमपी के रीवा जिले में खनिज माफिया फिर सक्रिय हो गए हैं। इस समय खनिज माफियाओं की पसंदीदा जगह बेला-बैजनाथ बनी हुई है। बेला-बैजनाथ में कई नेता, अधिकारी और पूंजीपतियों ने इन्वेस्ट किया है। भंडारण की अनुमति लेने के साथ ही क्रेशर भी डाल दिया है। कुछ नए अवैध तरीके से ही प्लांट स्थापित कर बिजनेस शुरू कर दिया है।




सावधान ! रीवा में अंधेरगर्दी की हद पार

क्रेशर में गिट्टी बनाने के लिए पत्थर अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी की खदानों से ढोई जा रही है। सूत्रों की मानें तो बीते कुछ महीनों में ही बैजनाथ ग्राम के रीवा क्षेत्र में कई प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। इन प्लांट को राजनैतिक और प्रशासनिक संरक्षण मिला हुआ है।




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सूत्रों की माने तो रीवा के कई राजनीतिक पहुंच रखने वालों ने पार्टनरशिप में क्रेशर प्लांट तक स्थापित कर लिए हैं। कई नेता बिजनेस में हिस्सेदार बने हुए हैं। प्रदूषण विभाग ने इन अवैध क्रेशर संचालकों के खिलाफ कार्यवाही करने से कतराता है। अगर देखा जाए तो जिले का खनिज विभाग की सांठ गाठ से अवैध खनन हो रहा है।





जिसका खमियाजा रीवा की भोली भाली जनता अपना जीवन दांव पर लगाकर भुगत रही है। अगर खनिज विभाग समय समय पर कार्यवाही करे तो अवैध खनन पर रोक लग सकती है। मगर खनिज विभाग इन बेलगाम क्रेसर पर कार्रवाई करने से कतराता है। कारवाई होने से क्रेसर संचालकों के हौसले बुलंद हो चुके हैं जो जनता के लिए घातक साबित हो रहा है।





अधिकारियों की बंद कमरे के अंदर होती है सांठगांठ

रीवा जिले के खनिज अधिकारी एवं क्रेसर संचालकों की मीटिंग खनिज विभाग कार्यालय के बंद कमरे के अंदर होती है। खनिज कार्यालय में अवैध रूप से संचालित क्रेसर संचालकों का जमावड़ा लगा रहता है। रीवा जिला प्रशासन के द्वारा ऐसे लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही नहीं होती है।

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