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रेडचीफ कंपनी कर रही है कर्मचारियों का शोषण, कर्मचारी ने किया कोर्ट में केस

 

रीवा(Rewa News) रेडचीफ (Red Chief) स्टोर में पूर्व में कार्य कर रहे कर्मचारी (स्टोर मैनेजर) धानेन्द्र प्रताप सिंह ने किया कंपनी पर केस, कर्मचारी द्वारा यह केस ओवरटाइम का भुगतान के लिए किया गया है। हम आप को बता दें रेडचीफ कंपनी भारत की एक बड़ी कंपनी है जिसका स्टोर भारत के कई राज्यों में है इसी तरह मध्य प्रदेश में भी इसके स्टोर खुले हुए हैं। यह कंपनी एक फुटवियर प्रोडक्ट निर्माता कंपनी है जो की लियान ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के नाम से रजिस्टर्ड है।




कंपनी पर कर्मचारी ने क्यों किया केस

कर्मचारी ने बताया की कंपनी 12 घण्टे काम करवाती थी और 8 घण्टे का पैसा देती थी। कहने को तो कंपनी ने ऑनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था की थी पर वह भी सारी व्यवस्था कंपनी के हिसाब से होती थी । हर रविवार को कंपनी वीकऑफ लगाती है चाहे कर्मचारी कुछ भी टाइम डाले लेकिन वह सोफवेयर अपने हिसाब से ही टाइम एक्सेप्ट करता है सुबह स्टोर खुलने का टाइम 10 बजे एवं रात 10 बजे बंद होने का टाइम है लेकिन यह सॉफ्टवेयर स्टोर खुलने का टाइम 10 बजे एवं बंद होने का टाइम शाम 6 बजे का अपने आप लेता है ।




इसी लिए कंपनी कहती है कि सुबह 10 बजे स्टोर खुलता है और शाम 6 बजे बंद होता है।

जैसा कि कंपनी द्वारा कोर्ट में अपने जवाब में लिखित में दिया गया है। परंतु हर दिन स्टोर सुबह 10 बजे खुल जाता है एवं रात के 10 बजे ही बंद होता है एवं तीसों दिन खुला होता है जबकि रविवार का अवकाश हर कर्मचारी के अटेंडेंस में दिखाया जाता है।

कर्मचारी द्वारा बताया गया की जब कंपनी के सीनियर अधिकारियों से बात की जाती थी की मुझे ओवरटाइम का पैसा दिलाया जाए तो कहते थे कि नौकरी करना हो तो करो नही छोड़ दो काम 12 घण्टे ही करना पड़ेगा।

कर्मचारी को नौकरी की आवश्यकता थी क्यों की उसको अपने परिवार का भरण पोषण करना था इस लिए जैसे तैसे कंपनी में जुलाई 2015 से जनवरी 2022 तक नौकरी किया लेकिन जब कर्मचारी ने विरोध किया तो कंपनी ने कर्मचारी का ट्रांसफर सतना कर दिया और परेशान करने लगे जब की कर्मचारी के पिता की तबियत काफी खराब चल रही थी इस लिए वह नहीं जा सकता था कही और तब जा कर मजबूरी में उसे कंपनी पर केस करने की नौबत आई और वर्तमान में केस लंबित है।




इसी तरह सम्पूर्ण मध्य प्रदेश में जितने भी स्टोर हैं सभी जगह ऐसा ही होता है मजबूरी में सब करते हैं नौकरी अगर आवाज उठाते हैं तो उन्हें किसी न किसी बहाने से परेशान किया जाता है या मजबूर हो कर उसको नौकरी छोड़ना पड़ जाता है।

पूर्व कर्मचारी (स्टोर मैनेजर) धानेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि हमारा पीएफ कंपनी नही दे रही है एवं अन्य कटौती जैसे ग्रेजुअटी बोनस जो भी हुआ था एवं ओवरटाइम का पैसा आज दिनांक तक कंपनी ने नही दिया था जबकी कंपनी ने लिखित में दिया था एक लेटर में की कर्मचारी का पैसा पूरा 1 महीने का एक्स्ट्रा payment के साथ भुगतान कर दिया गया है।




पूर्व कर्मचारी ने कहा कि मैं इस लिए कंपनी पर केस किया हूं कि मेरे साथ जो हुआ वह किसी और के साथ न हो और इस मुहिम को मैं जारी रखूंगा जब तक कंपनी अपने समय में बदलाव नहीं करती है एवं हर कर्मचारी को ओवरटाइम नही देती है।

इसमें तो हमे लगता है । अब देखना यह है इस खबर का प्रशासनिक स्तर पर कितना असर होता है यह कोई एक स्टोर की बात नहीभैन जितने भी खुले हैं उनका सबका यही हाल है।

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