भाजपा विधायक की तलाश कर रही पुलिस, बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जानिए पूरा मामला
रीवा. रीवा जिले की सिमरिया विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक केपी त्रिपाठी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। जनपद पंचायत के CEO के साथ मारपीट के मामले में सिरमौर अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए नोटिस जारी किया था लेकिन न तो विधायक ने कोर्ट के नोटिस पर संज्ञान लिया और न ही कोर्ट में हाजिर हुए।
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अब इसी मामले में पुलिस के प्रतिवेदन पर कोर्ट ने उन्हें दोबारा 22 दिसंबर को अदालत में हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया है और अगर इस बार भी वो कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकता है।
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पहले पूरा मामला जानिए मामला
करीब तीन महीने पुराना है जब सिमरिया विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक केपी त्रिपाठी और सिरमौर जनपद पंचायत सीईओ एसके मिश्रा के बीच फोन पर हुई बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ था। वीडियो में दोनों के बीच जमकर तू-तू मैं-मैं होती सुनाई दे रही थी। इसी ऑडियो के वायरल होने के कुछ घंटों बाद ही सीईओ एसके मिश्रा पर जानलेवा हमला हुआ था जिसमें उन्हें गंभीर चोट आई थी।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मारपीट करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था और इस घटना के बाद सीईओ एसके मिश्रा ने भाजपा विधायक केपी त्रिपाठी पर हमला कराने के आरोप लगाए थे।
22 दिसंबर को कोर्ट में पेश नहीं हुए तो गिरफ्तारी वारंट सीईओ के साथ हुई मारपीट के मामले में कोर्ट ने पूर्व में केपी त्रिपाठी को दोषी मानते हुए उन्हें 8 दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होने के लिए समन जारी किया था लेकिन इसके बावजूद विधायक केपी त्रिपाठी कोर्ट में पेश नहीं हुए। उन्होंने नोटिस की तामिली ही नहीं की जिसके कारण पुलिस ने न्यायालय के समक्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
पुलिस के प्रतिवेदन पर न्यायालय सिरमौर ने द्वितीय आदेश जारी करते हुए अगले दिनांक 22 दिसंबर को बीजेपी विधायक को कोर्ट में प्रस्तुत होने का नोटिस भेजा है। जानकारों का कहना है कि अगर 22 दिसंबर को विधायक केपी त्रिपाठी कोर्ट में पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो सकता है।