There are many wonderful places to visit on holiday in Rewa district of Vindhya region. where you can have a picnic with your family

ब्रिटिश काल के समय विंध्य प्रदेश की राजधानी रीवा शहर आज के समय मध्य प्रदेश का एक प्रमुख जिला है जहां पर्यटकों को घूमने फिरने के लिहाज से कई झरने ,झील और ऐतिहासिक धरोहर मौजूद है आइए जानते हैं रीवा में घूमने की जगह के बारे में जहां सबसे ज्यादा सैलानी भ्रमण करने के लिए पहुंचते हैं।

 

कहने को तो रीवा जिला के आसपास कई पिकनिक स्पॉट है लेकिन उनमें से कुछ राज्य स्तरीय है जो संपूर्ण मध्यप्रदेश में जाने जाते हैं जिनमें से टोंस जलप्रपात और क्योटी वाटरफॉल प्रमुख है।

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चलिए जानते हैं आखिर रीवा में घूमने लायक जगह कौन कौन सी है जिनके लिए आप जा सकते हैं

Table of Contents

रीवा में घूमने की जगह

1. टोंस झरना (Tons Waterfall)

2. धार कुण्डी आश्रम

3. मुकुंदपुर टाइगर सफारी

4. सिद्धनाथ स्वामी मंदिर तथा झरना

5. पुरवा फॉल । Purwa Waterfall Rewa

6. घिनौची धाम

7. रानी तालाब (झील)

8. गोविंदगढ़ किला

9. आदित्य वॉटर पार्क रीवा

10. क्योटी जलप्रपात । Keonti waterfall

11. बहुती जलप्रपात

12. देवतालाब मंदिर । Devtalab Mandir

13. साई मंदिर

14. लक्षमण बाग

15. चचाई जलप्रपात

16. रीवा का प्रसिद्ध बाजार शिल्पी प्लाजा




रीवा में घूमने की जगह

दोस्तों आईये अब हम जानते है रीवा के प्रमुख पर्यटन स्थल और यह घूमने की जगह के बारे में

टोंस झरना (Tons Waterfall

रीवा शहर से 48 किलोमीटर दूर सिरमौर तहसील के अंतर्गत स्थित टोंस जलप्रपात यहां का मुख्य पर्यटन स्थल है जो पहाड़ों के सतह पर पहाड़ी चट्टानों के टूटने से बनी है घटिया कई वाटरफॉल का निर्माण करती है जिसका यह एक उदाहरण है।

रीवा जिले की सबसे बड़ी टमस नदी पर बनने वाला यह झरना मध्य प्रदेश का इको टूरिज्म पार्क भी है तथा इसकी ऊंचाई 130 मीटर है।

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घिनौची धाम

अगर आप रीवा में घूमने लायक किसी ऐसी जगह की तलाश में है जहां जंगल पहाड़ और झरने का आध्यात्मिक अनुपम मिलन हो तो आपको घिनौची धाम की यात्रा पर जाना चाहिए जो कि सिरमौर रोड पर स्थित चचाई जलप्रपात से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर है।

आजकल के युवाओं के बीच रीवा में घूमने वाली जगह में से एक है घिनौची धाम जो कि मानसून के समय में रीवा पिकनिक स्पॉट का प्रमुख हिस्सा बना रहता है।

रानी तालाब (झील)

शहर के बीचो बीच बना यह ताल इसकी सुंदरता में चार चाँद लगा देता है रीवा का एक मात्र झील यह रीवा रियाशत की पुरानी धरोहर है आधुनिक युग में निर्मित इस तालाब को यहाँ का झील भी माना जाता है वैसे तो इसका निर्माण रीवा राजबंशो के समय किया गया था लेकिन आधुनिक युग में शाशन दवरा तालाब का नए तरीके से सौन्दर्यीयकरण किया है तब से यह इस शहर का मुख्य पर्यटन स्थल बन चुका है ।

वेंकट भवन

रानी तालाब में घूमने की जगह

रानी तालाब घूमने आने बाले शैलानी बोटिंग का बखूबी लुप्त उठा सकते है बहुत कम पैसो में पैडल बोट का मजा ले सकते है यहाँ घूमने फिरने के लिए फैमिली के साथ जाये क्योकि बच्चो के लिए ये परफेक्ट प्लेस है ।

रानी तलाब के पश्चिमी दिशा में स्थित मंदिर भगवान् हनुमान को समर्पित है यहाँ पर आने पर्यटक मंदिर में दर्शन के लिए अवश्य जाते है।

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तालब में झील के बीच में 400 वर्ष पुराना मंदिर जो भगवान शिव को समर्पित है इस मंदिर तक पहुंचने के लिए नाव के द्वारा मंदिर तक जाना होता है ।

cafe area- शैलानियों को समय व्यतीत करने के साथ उन्हें खाने के लिए कैफे एरिया उपलब्ध है जहा बैठकर भोजन या snaks ले सकते है ।



मुकुंदपुर टाइगर सफारी

महाराजा मार्तण्ड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर सामान्यतौर पर प्रत्येक बुधवार को बंद रहता है

व्हाइट टाइगर

रीवा का किला

बघेल साम्राज्य के किले का इतिहास 400 वर्ष पुराना है

गोविंदगढ़ का तालाब

गोविंदगढ़ का झील रीवा जिले में प्रसिद्ध झीलों (तालाब) में एक है। गोविंदगढ़ पैलेस इसी झील के किनारे बनाया गया है 13,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।




क्योटी फॉल

रीवा जिले का क्योटी जलप्रपात भारत का 24वां सबसे ऊंचा झरना है। जो शहर से 40 किमी. व सिरमौर से 10 की दूर स्थित है। यह झरना महाना नदी पर बना है। इसकी ऊंचाई करीब 130 मीटर है। क्योटी जलप्रपात अपनी आकर्षक सुंदरता से ट्रैकर्स और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है। बताया गया कि इस झरने पर यूपी और बिहार के लोग सबसे ज्यादा आते है। रीवा से सड़क के रास्ते सिरमौर पहुंचकर यहां जा सकते हैं।





 पूर्वा फॉल

रीवा शहर से 25 किलोमीटर व सेमरिया कस्बे से 15 किलोमीटर पहले पूर्वा फॉल टमस नदी पर स्थित है। इस झरने की ऊंचाई करीब 70 मीटर है। क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता के कारण वर्ष भर हजारों पर्यटक आते हैं। यह स्थान सबसे अच्छे पिकनिक स्थानों में से एक है। हिंदू महाकाव्य रामायण में भी इस झरने का वर्णन मिलता है। वर्ष भर लोग घूमने-फिरने व जन्मदिन की पार्टी मनाने आते है। पूर्वा फॉल से लगा बसामन मामा धाम है। ऐसे में वहां आने वाले लोग भी यहां पहुंच जाते है।

चचाई जलप्रपात

चचाई जलप्रपात मध्य प्रदेश के सबसे बड़े झरनों में एक है। यह बीहर नदी में 130 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित हैं। रीवा चचाई जलप्रपात की दूरी 46 किमी. तो सिरमौर से 8 किमी. की दूरी पर स्थित है। बीहर नदी आगे जाकर तमसा नदी से मिलती है। इस झरने की खूबसूरती बारिश के मौसम में ही देखने मिलती है, क्योंकि इस झरने के ऊपर एक डैम बनाया गया है।



बहुती जलप्रपात

रीवा शहर से 85 किमी. दूर उत्तर पूर्व की ओर मऊगंज तहसील में बहुती प्रपात स्थित है। यह सेलर नदी पर स्थित है। इसकी ऊंचाई 198 मीटर (650 फीट) है। इस प्रपात की गहराई 465 फुट हैं। कहा जाता है कि ओड्डा नदी, सीतापुर से निकलकर 40 किलोमीटर दूरी के बाद मऊगंज से 15 किलोमीटर दूर बहुत ग्राम के निकट, बहुत जलप्रपात का निर्माण करती है।

देउर कोठार

देउर कोठार रीवा जिले में पुरात्वात्विक महत्व का स्थान है। यह अपने बौद्ध स्तूप के कारण प्रसिद्ध है जो 1982 में प्रकाश में आये थे। ये स्तूप अशोक के शासनकाल में (ईसापूर्व तीसरी शताब्दी) निर्मित हैं। यहां लगभग 2 हजार वर्ष पुराने बौद्ध स्तूप और लगभग 5 हजार वर्ष पुराने शैलचित्र गुफाएँ मौजूद है। देउर कोठार, रीवा-इलाहाबाद मार्ग के सोहागी में स्थित है। यहां मौर्य कालीन मिट्टी ईट के बने 3 बडे स्तूप और लगभग 46 पत्थरो के छोटे स्तूप बने है। अशोक युग के दौरान विंध्य क्षेत्र में धर्म का प्रचार प्रसार हुआ और भगवान बौद्ध के अवशेषों को वितरित कर स्तूपों का निर्माण किया गया।




पियावन घिनौची धाम

घिनौची धाम जिसे पियावन के नाम से जाना जाता है। यह अतुलनीय ऐतिहासिक, प्राकृतिक एवं धार्मिक पर्यटन स्थल रीवा जिले से 42 किलोमीटर दूर सिरमौर की बरदहा घाटी में है। प्रकृति की अनुपम छटा के बीच यह धाम धरती से 200 फीट नीचे और लगभग 800 फीट चौड़ी प्रकृति की सुरम्य वादियों से घिरा हुआ है। प्राकृतिक झरने का श्वेत जल भगवान भोलेनाथ का 12 महीने निरंतर जलाभिषेक करता है। जिसे देखना रोमांचकारी है।

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