BHUTIYA STATION

भारत का भूतिया Railway Station, जहां अभी तक नहीं रुकी कोई भी ट्रेन!

भारत में हजारों की संख्या में रेलवे स्टेशन (Railway Station In India) हैं, जहां करोड़ों रेल यात्री रोजाना सफर करते हैं. देश के कुछ रेलवे स्टेशन (Railway Station) बेहद शानदार हैं, जिनकी गिनती वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशनों (World Class Railway Stations) में होती है. वहीं कुछ आज भी डरावने लगते हैं दुनिया में ऐसे कई अजीबो-गरीब रहस्य हैं, जिन पर से आजतक पर्दा नहीं उठ पाया है। इनमें से एक रहस्य है भूत-प्रेत या आत्माओं का होना। कुछ लोग भूत-प्रेत में विश्वास नहीं रखते हैं। वहीं कुछ लोग दावा करते हैं कि दुनिया में सच में भूत-प्रेत और आत्माएं होती हैं। सिर्फ यही नहीं, कुछ लोग तो ये भी दावा करते हैं कि दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं, जहां भूतों का वास है और लोग वहां जाने से डरते हैं।




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सिर्फ दुनिया ही नहीं, भारत में भी ऐसी कई जगहें हैं जिन्हें भूतिया घोषित कर दिया गया है। आज हम आपको भारत के एक ऐसे ही भूतिया रेलवे स्टेशन के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां जाने से सिर्फ लोग ही नहीं बल्कि प्रशासन भी डरने लगा था, जिसके चलते इस रेलवे स्टेशन पर सालों तक ट्रेनें भी नहीं रुका करती थीं। आइये जानते हैं इस भूतिया रेलवे स्टेशन के बारे में…




ये (Railway Station In India) पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में है, जिसका नाम बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन ही। आपको जानकर हैरानी होगी कि पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित इस रेलवे स्टेशन का नाम भारत के ’10 भूतिया स्टेशन’ की लिस्ट में शामिल है। ये रेलवे स्टेशन साल 1960 में खुला था। स्टेशन के खुलने के बाद कुछ सालों तक तो सबकुछ ठीक रहा, लेकिन बाद में यहां अजीबोगरीब घटनाएं घटने लगीं। साल 1967 में बेगुनकोडोर के एक रेलवे कर्मचारी ने स्टेशन पर एक महिला का भूत देखने का दावा किया।




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कहा जाता है कि साल 1967 में ये जगह भूतिया स्टेशन की लिस्ट में तब शामिल कर लिया गया, जब यहां के स्टेशन मास्टर की ‘सफेद साड़ी में एक महिला’ को देखने के बाद मौत हो गई थी। साथ ही ये भी अफवाह उड़ी थी कि महिला की मौत उसी स्टेशन पर एक ट्रेन दुर्घटना में हो गई थी। अगले दिन रेलवे कर्मचारी ने लोगों को इसके बारे में बताया, लेकिन उन्होंने उसकी बातों को अनदेखा कर दिया।




सके बाद स्टेशन मास्टर और उनका परिवार रेलवे क्वार्टर में मृत अवस्था में पाया गया। यहां रहने वाले लोग दावा करने लगे कि इन मौतों के पीछे उसी भूत का हाथ है। लोगों का कहना था कि सूरज ढलने के बाद जब कोई भी ट्रेन यहां से गुजरती थी तो महिला का भूत ट्रेन के साथ-साथ दौड़ने लगता था। सिर्फ यही नहीं, कभी-कभी तो महिला का भूत ट्रेन से भी तेज दौड़कर आगे निकल जाता था। वहीं कई बार भूत को ट्रेन के आगे पटरियों पर भी नाचते हुए देखे जाने का दावा किया जा रहा था।




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इसके बाद बेगुनकोडोर को भूतिया रेलवे स्टेशन माना जाने लगा। स्टेशन पर आने से लोग इस कदर डरने लगे कि 42 साल तक स्टेशन बंद कर दिया गया। करीब 42 सालों तक यहां एक भी ट्रेन नहीं रुकी। वहीं इस स्टेशन से जब भी कोई ट्रेन गुजरती तो उसकी स्पीड बढ़ा दी जाती थी। साल 2009 में जब ममता बनर्जी रेल मंत्री बनीं तब उन्होंने इस स्टेशन को फिर से शुरू करने का निर्देश दिया। लेकिन शाम 5 बजे के बाद ना ही कोई यात्री और ना ही कोई रेल कर्मी इस स्टेशन पर रुकता था।

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