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सौम्‍या तिवारी महिला अंडर 19 विश्‍वकप के लिए चयनित 

आपको बता दे की अपने हरफनमौला प्रदर्शन से प्रभावित करने वाली सौम्‍या तिवारी को अपनी मेहनत का फल मिल गया है। उन्‍हें दक्षिण अफ्रीका में होने वाले अंडर 19 विश्‍वकप टीम में शामिल किया गया है।

 

 

10 साल की उम्र में थामा बल्ला 

सौम्‍या तिवारी ने 10 साल की उम्र में बल्‍ला थामा था, भोपाल के अरेरा क्रिकेट अकादमी में कोच सुरेश चेनानी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्‍त किया, उस समय बहुत कम लड़कियां आती थी।

इसलिए कोच ने पहले मना कर दिया था, लेकिन सौम्‍या नहीं मानी और यहीं पर खेलने की ठानी। कोच ने भी बच्‍ची की लगन को देखते हुए उसे लड़कों के साथ प्रशिक्षण देना प्रारंभ कर दिया।

इससे उसे बहुत फायदा मिला और उनका खेल निखरा। अकादमी और शालेय खेलो में सौम्‍या ने बल्‍ले से कई शानदार पारिया खेली और गेंदबाजी में अपनी सफलता के झंडे गाड़े।

सौम्‍या की इस सफलता में उसके परिवार का भी बहुत योगदान रहा है, पिता मनीष तिवारी शासकीय कर्मचारी हैं। वहीं, बड़ी बहन स्‍टूडेंट व माता गृहणी हैं। इन तीनों ने अपनी जिम्‍मेदारी को बाखूबी निभाया है। बड़ी बहन से प्रेरणा लेकर ही उसने खेलना सीखा और इस खेल को चुना। घर से मैदान तक आने जाने में पूरा सहयोग मिला। घर पर माता ने मोर्चा संभाला तो मैदान के बाहर उनके पिता मनीष ने। उनकी कोशिश रहते है व सौम्‍या के हर मुकाबले में मैदान पर खड़े रहें।

भोपाल से बाहर जब भी सौम्‍या को जाना होता पिता भी साथ में जाने का प्रयास करते हैं।

 

 

लॉकडाउन में हुई हताश

आपको बता दे की एक वक्त था जब सौम्या हताश हो गयी थी, प्रैक्टिस के लिए कोई नहीं था,तब दंगल मूवी की तरह ही अपने परिवार के लड़को के साथ ही प्रैक्टिस की और ये उनकी मेहनत में काफ़ी निखार लाया।

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