Successful laparoscopic operation of hydatid cyst at National Hospital

नेशनल हॉस्पिटल में हाइडेटिड सिस्ट का सफल दूरबीन ऑपरेशन, उन्नत लैप्रोस्कोपिक सर्जरी पर लाइव वर्कशॉप का आयोजन

रीवा – नेशनल हॉस्पिटल के ओटी कॉम्प्लेक्स में आज हाइडेटिड सिस्ट पर एक विशेष लाइव लैप्रोस्कोपिक सर्जरी वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर के सर्जनों और मेडिकल प्रोफेशनल्स ने भाग लिया, जिसमें उन्नत लैप्रोस्कोपिक तकनीकों को प्रदर्शित किया गया और नई चिकित्सा पद्धतियों पर चर्चा की गई।

इस लाइव सर्जरी का नेतृत्व डॉ. अखिलेश पटेल, डॉ. आलोक दुबे और डॉ. रवि प्रताप ने किया। उन्होंने अत्याधुनिक दूरबीन विधि (लैप्रोस्कोपिक तकनीक) का उपयोग कर हाइडेटिड सिस्ट का सफल ऑपरेशन किया। यह विधि पारंपरिक सर्जरी की तुलना में कम दर्दनाक होती है, जिससे मरीज को तेजी से ठीक होने में मदद मिलती है।

कार्यक्रम में डॉ. आनंद गुप्ता समेत कई अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने इस दौरान उन्नत सर्जरी तकनीकों पर अपने अनुभव साझा किए और प्रतिभागियों को नई सर्जिकल विधियों से अवगत कराया।

लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम

इस कार्यशाला का उद्देश्य उन्नत लैप्रोस्कोपिक सर्जरी तकनीकों को बढ़ावा देना और युवा सर्जनों को व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना था। इसमें हाइडेटिड सिस्ट जैसी जटिल स्थितियों के दूरबीन विधि से इलाज पर गहन चर्चा की गई। विशेषज्ञों ने बताया कि यह तकनीक पारंपरिक ओपन सर्जरी के मुकाबले अधिक सुरक्षित, कम दर्दनाक और मरीज के लिए लाभदायक होती है।

डॉ. अखिलेश पटेल ने कहा, “लैप्रोस्कोपिक सर्जरी चिकित्सा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। इस तरह की कार्यशालाएं युवा सर्जनों के लिए बहुत लाभदायक होती हैं, जिससे वे नई तकनीकों को अपनाकर मरीजों को बेहतरीन इलाज दे सकते हैं।”

डॉ. आलोक दुबे ने कहा, “हाइडेटिड सिस्ट का लैप्रोस्कोपिक ऑपरेशन एक चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया होती है, लेकिन सही तकनीक और अनुभव से इसे सफलतापूर्वक किया जा सकता है।”
सफल सर्जरी में एनेस्थेटिक टीम और ओटी स्टाफ की अहम भूमिका

इस सफल ऑपरेशन में डॉ. निष्ठा ने एनेस्थेटिस्ट की भूमिका निभाई और अपनी कुशलता से सुनिश्चित किया कि मरीज को पूरी प्रक्रिया के दौरान सुरक्षित और प्रभावी एनेस्थीसिया मिले। उनकी विशेषज्ञता के कारण सर्जरी पूरी तरह से सुचारू और जटिलता मुक्त रही।

इसके अलावा, ओटी स्टाफ की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। गोपाल, करुणा, अखिलेश, दीपक, रागिनी, प्रद्युम्न, राम सहित संपूर्ण टीम ने अपनी कुशलता और समर्पण से सर्जरी को सफलतापूर्वक संपन्न करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी मेहनत और तालमेल की वजह से यह ऑपरेशन बिना किसी जटिलता के संपन्न हो सका।
सर्जनों और मेडिकल स्टूडेंट्स को मिला महत्वपूर्ण ज्ञान

इस कार्यशाला में देशभर के कई डॉक्टरों, युवा सर्जनों और मेडिकल स्टूडेंट्स ने भाग लिया। उन्होंने लाइव सर्जरी देखकर इससे जुड़ी बारीकियों को समझा और विशेषज्ञों से सीधे संवाद करने का अवसर प्राप्त किया।

कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। उपस्थित डॉक्टरों और मेडिकल प्रोफेशनल्स ने इस पहल की सराहना की और इसे बेहद उपयोगी बताया।

नेशनल हॉस्पिटल द्वारा आयोजित यह कार्यशाला न केवल चिकित्सा क्षेत्र में नए कौशल सीखने का अवसर थी, बल्कि यह उन्नत सर्जिकल प्रक्रियाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।

भविष्य में और भी कार्यशालाओं का आयोजन होगा

आयोजकों ने कहा कि भविष्य में भी इसी तरह की कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक मेडिकल प्रोफेशनल्स को उन्नत तकनीकों की जानकारी दी जा सके और चिकित्सा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके।

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