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बसदेवा गायन : बसदेवा बघेलखण्ड का पारंपरिक गायन क्या है आइए जानते हैं
बसदेवा गायन – बसदेवा बघेलखण्ड की एक पारंपरिक गायक जाति है जिन्हें हर बोले कहा जाता है। बसदेवा मूलतः गाथा गायक हैं।
श्रवणकुमार की कथा गायन करने के कारण इन्हें सरमन गायक भी कहा जाता है। बसदेवा परंपरा से कई तरह की कथा और गाथाएँ गाते हैं। वसदेवा सिर पर कृष्ण की मूर्ति और पीला वस्त्र धारण कर हाथ में चुटकी पैजन और सारंगी लिये गाते हैं।
वसदेवा गायक कई-कई यजमान के लिए गाँव-गाँव निकल पड़ते हैं। वसदेवा मुख्यतः दो गायक होते हैं। मुख्य गायक गाथा की पंक्ति उठाता है, दूसरा पंक्ति समाप्ति तक उसे उसी राग में तेजी से दुहराता है और अंत में हर गंगे की टेक हर पंक्ति के बाद लगाता है।
वसदेवा जाति रामायण कथा के साथ कर्ण कथा, मोरध्वज, गोपीचंद, भरथरी, भोले बाबा आदि लोक नायकों की चरित्र कथा गाते हैं