
बघेली लोकगीत – बघेली लोकगीत की गायन शैली
मध्यप्रदेश के अन्य अंचलों से थोड़ी भिन्न है क्योंकि बघेली बोली अवधी से प्रभावित है। बघेली लोकगीतों का मूल स्वर तीव्र मध्यम है। इनमें बघेलखण्ड की जातियों और जनजातियों की आंतरिक ऊर्जा का उत्कर्ष देखा जा सकता है।
बघेली लोकगीतों में लोक की व्यापकता, सरलता, भाव प्रवणता और सुबोधता सहज रूप से देखी जा सकती है। बघेली लोकगीतों में जहाँ पारंपरिक कल्पना का वैभव प्रसरित है
वहीं बघेलखण्ड की संस्कृति की झाँकी भी प्रतिबिम्बित होती है। लोकगीतों में जितनी लोकरागों की विविधता और विषयों की विभिन्नता मिलती है उतनी किसी अन्य लोक विधा में नहीं दिखाई देती हैं