भ्रष्टाचार में लिप्त बरसैता स्कूल प्राचार्या का एक और कारनामा,नहीं भेजा सैकड़ो शिक्षकों का क्रमोन्नति प्रस्ताव ।

आए दिन अपने कारनामों को लेकर सुर्ख़ियों में रहने वाली बरसैता स्कूल की प्राचार्य कविता शुक्ला का एक और कारनामा सामने आया है । इस बार उनकी लापरवाही से सैकड़ों शिक्षकों का भविष्य अधर में लटक गया है । स्कूल शिक्षा विभाग के आदेशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी रीवा द्वारा ज़िले के समस्त प्राचार्यों को अपने संकुल अन्तर्गत 12 वर्षों की सेवा पूर्ण कर चुके समस्त शिक्षकों की प्रथम क्रमोन्नति एवं 24 वर्षों की सेवा पूर्ण कर चुके शिक्षकों को द्वितीय क्रमोन्नति का प्रस्ताव ज़िला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तत्काल भेजने का आदेश दिया गया था ।

जिससे उन शिक्षकों को समय पर क्रमोन्नति का लाभ मिल सके । इस आदेश के बाद ज़िले के लगभग सभी प्राचार्यों द्वारा अपने संकुल अन्तर्गत ऐसे शिक्षकों का प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भेजा जा चुका था । लेकिन हर बार की तरह अपने आला अधिकारियों और राज्य शासन के आदेशों को ठेंगा दिखाने वाली बरसैता संकुल की प्राचार्य कविता शुक्ला ने इस बार भी वही काम किया । और अपने संकुल अन्तर्गत आने वाले शिक्षकों की क्रमोन्नति का प्रस्ताव अंतिम तिथि निकल जाने के बाद भी नहीं भेजा ।

भ्रष्ट हुई रीवा जिले की शिक्षा व्यवस्था, बरसैता प्राचार्य पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

जिससे उन शिक्षकों की क्रमोन्नति अब कविता शुक्ला की लापरवाही की भेंट चढ़ गई है । ये ऐसा पहला वाकया नहीं है जब कविता शुक्ला अपनी हटधर्मिता को ले कर चर्चा में हैं । अब उनकी इस लापरवाही से प्रभावित होने वाले शिक्षकों में काफ़ी आक्रोश है । उनका कहना है कि यदि 4 मार्च तक यदि कविता शुक्ला द्वारा शिक्षकों की क्रमोन्नति का प्रस्ताव जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय नहीं भेजा गया तो बरसैता संकुल में तालाबंदी कर आंदोलन किया जाएगा।

पूर्व में भी लोक शिक्षण आयुक्त और डीईओ के आदेश को दिखा चुकी है ठेंगा !

बरसैता स्कूल की प्राचार्य कविता शुक्ला ने अपने स्कूल में भी कई नियम विरुद्ध कार्य किए हैं । कुछ दिन पूर्व समाजसेवी राहुल पांडेय द्वारा इनके ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए कमिश्नर संभाग रीवा के पास शिकायत दर्ज कराई थी । जिसके बाद कमिश्नर रीवा द्वारा डीईओ को टीम बनाकर जाँच कराने के आदेश दिये । समाजसेवी राहुल पांडेय ने बरसैता प्राचार्य कविता शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जब जाँच दल स्कूल पहुँचा तो अपने द्वारा किये गए नियम विरुद्ध कार्यों की लीपापोती करने के लिए प्राचार्य ने जाँच दल से 3 दिन का समय माँगा है ।

 

लोक शिक्षण आयुक्त के आदेश के बाद भी नहीं किया था स्थानांतरित शिक्षक को मुक्त

अगस्त में लोक शिक्षण आयुक्त अनुभा श्रीवास्तव द्वारा बरसैता स्कूल में पदस्थ एक शिक्षक रामनरेश कोल का ट्रांसफ़र हनुमना के लिये कर दिया गया था । जिसके बाद उसे एक बार डाक द्वारा मुक्त किया गया , और फिर शिक्षक उपस्थिति कालम में मेडिकल लिखकर बिना वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के नियम विरुद्ध तरीके से उक्त शिक्षक को पुनः जॉइन करा लिया गया। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने कविता शुक्ला पर शिक्षक रामनरेश कोल के साथ मिलकर स्कूल में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाया था । क्योंकि पिछले कई वर्षों से रामनरेश कोल को प्राचार्य द्वारा एसएमडीसी का सहस्ताक्षरी बना कर रखा गया है ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *