मध्यप्रदेश के जंगल में मिला दुर्लभ एरो हेडेड ट्रिंकेट सांप, कई देशों में नहीं है इसका रिकॉर्ड

बैतूल/सारनी। जिले में मौजूद सतपुड़ा के जंगल टाइगर रिजर्व से बाहर होने के बाद भी जैव विविधता से समृद्ध है। बुधवार को सारनी निवासी वाइल्डलाइफ एंड नेचर कंजर्वेशन एक्टिविस्ट आदिल खान को सारनी के पास मौजूद सतपुड़ा के जंगल में एक दुर्लभ प्रजाति का सांप मिला है।

आदिल ने जानकारी देते हुए बताया कि यह एरो हेडेड ट्रिंकेट सांप है, इसके भारत में बहुत कम रिकॉर्ड अब तक उपस्थित हैं। यहां तक कि कई देशों में इसका रिकार्ड ही नहीं है। इस सांप की विशेष पहचान इसके सर पर मौजूद तीर की तरह दिखने वाली काले रंग की लकीर है।




आदिल को यह सांप सारनी के पास मौजूद घने नम पर्णपाती जंगल में मिला था। आदिल ने बताया कि इसे वैज्ञानिक रूप से कोलोनेथस हेलेना कहा जाता है। यह सांप विषहीन होता है और रैट स्नेक परिवार से संबंधित होता है। पूर्व में सांप की यह प्रजाति 2016 में छत्तीसगढ़, 2011 में पचमढ़ी और 2019 में चिखलदरा महाराष्ट्र इत्यादि स्थानों में मिली है।




आदिल ने दावा किया कि बैतूल जिले में पहली बार यह प्रजाति दर्ज की गई है। आदिल ने बताया सारनी के पास मौजूद जंगलों में एरो हेडेड ट्रिंकेट सांप का मिलना यहां के जंगलों की समृद्ध जैव विविधता और प्राचीन विशिष्टता को दर्शाता है। वन ग्रामों और आदिवासियों के बीच इनके संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाना की आवश्यकता है।




आदिल का कहना है कि वन विभाग को भी किसी भी तरह का कार्य इन जंगलों में करने से पहले यहां मौजूद वन्य प्राणियों पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जांच करना चाहिए जिससे कि इन प्रजातियों के अनुकूल ही काम जंगलों में किया जाएं, यह ना केवल जंगल की जैव विविधता को समृद्ध रखने में सहायक होगा बल्कि इस तरह की दुर्लभ प्रजाति के सरीसृपों और वन्य प्राणियों का भी संरक्षण उत्तर वन मंडल बैतूल के जंगलों में बेहतर तरीके से होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *