दिवाली पर MP में बारिश
बंगाल की खाड़ी में सिस्टम एक्टिव, जबलपुर, शहडोल, रीवा-सागर में बारिश का अलर्ट
दशहरे के बाद अब दिवाली भी बारिश के बीच मन सकती है। बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम एक्टिव हुआ है। यह सिस्टम दिवाली के दिन मध्यप्रदेश के कई जिलों को भिगो सकता है। खासकर जबलपुर, शहडोल, रीवा और सागर संभाग में हल्की बारिश का अलर्ट है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो भोपाल में दीवाली बादलों के बीच मन सकती है। इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में मौसम साफ रहेगा
दशहरे के बाद अब दिवाली भी बारिश के बीच मन सकती है। बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम एक्टिव हुआ है। यह सिस्टम दिवाली के दिन मध्यप्रदेश के कई जिलों को भिगो सकता है। खासकर जबलपुर, शहडोल, रीवा और सागर संभाग में हल्की बारिश का अलर्ट है। मौसम वैज्ञानिकों की माने तो भोपाल में दीवाली बादलों के बीच मन सकती है। इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में मौसम साफ रहेगा।
मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि 21 अक्टूबर से बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती सिस्टम एक्टिव हुआ है। इसका प्रभाव छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्यप्रदेश में पड़ सकता है। यह सिस्टम 25 अक्टूबर तक रहेगा। इससे शहडोल, जबलपुर, रीवा और सागर संभाग में हल्की बारिश हो सकती है। बाकी शहरों में बादल छाए रहेंगे।
पोस्ट मानसून की बारिश
मौसम वैज्ञानिक पांडे के अनुसार, मुख्य मानसून की विदाई हो चुकी है। 25 अक्टूबर तक पोस्ट मानसून एक्टिव रहेगा, हालांकि, उसका असर पूरे प्रदेश पर नहीं रहेगा।
दो साल से अक्टूबर में ही पड़ने लगी ठंड
मध्यप्रदेश में 14 अक्टूबर को मानसून की विदाई हो गई। अब पोस्ट मानसून का सीजन शुरू हो गया है। पाकिस्तान से आने वाली हवाओं और मौसम से नमी खत्म होने से ठंड होना शुरू हो जाता है। अभी सुबह और रात में ठंडक है। हालांकि, मौसम बदलने से रात के पारे में एक से दो डिग्री तक बढ़ोतरी होने की बात कही जा रही है।
बारिश का पैटर्न बदला
अब मानसून की एंट्री के बाद कुछ ब्रेक सा लग जाता है। ऐसे में जुलाई में भी बहुत ज्यादा बारिश नहीं हो रही है। बीते दो साल से अगस्त और सितंबर भी सबसे ज्यादा बारिश यानी कोटे का 70% से 80% पानी गिरता है। वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि पहले इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में ज्यादा बारिश होती थी, लेकिन कम बारिश वाले बघेलखंड, बुंदेलखंड और ग्वालियर-चंबल ज्यादा तरबतर होने लगे हैं। यह सीधे-सीधे मौसम के बदलाव के कारण हो रहा है।