49 लाख के इनामी नक्सलियों को धराशायी करने वाले पुलिस अधिकारियों को मिला वीरता पदक
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गणतंत्र दिवस 2024 के अवसर पर मध्यप्रदेश के तीन पुलिस अधिकारियों को वीरता पदक प्रदान करने की घोषणा की गई है। हॉकफोर्स के निरीक्षक श्री अंशुमान सिंह चौहान, प्रधान आरक्षक श्री अतुल कुमार शुक्ला एवं प्रधान आरक्षक श्री मनोज कुमार कापसे को यह वीरता पदक दिया गया है।
सूपखार के जंगल में नक्सलियों से हुई थी मुठभेड़
अति नक्सल प्रभावित जिला बालाघाट के गढ़ी थाना अंतर्गत सूपखार वन रेंज में पुलिस बल को हताहत करने तथा वनकर्मियों एवं पुलिस मुखबिरों की हत्या के प्रयास में लगातार घूम रहे नक्सलियों की आसूचना मिलने पर दिनांक 30 नवंबर 2022 की रात्रि में नक्सल विरोधी अभियान की योजना बनाई गई। निरीक्षक श्री अंशुमान सिंह चौहान के नेतृत्व में 24 सदस्यीय पार्टी रात्रि में ही रवाना हुई।
सर्चिग के दौरान नक्सलियों के छिपे होने के संभावित स्थानों को तलाश करते हुए जैसे ही पुलिस पार्टी जामसेहरा वन नाका के नजदीक जंगल में पहुंची तो पहले से ही घात लगाए बैठे नक्सलियों द्वारा पुलिस बल को जान से मारने एवं हथियार लूटने के लिए एकराय होकर पुलिस बल पर हमला किया गया।
पुलिस पार्टी द्वारा हमले का डटकर मुकाबला करते हुए प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) संगठन के एमएमसी जोन की केबी डिविजन के जोन समन्वय टीम प्रभारी 29 लाख के इनामी डीवीसीएम गणेश तथा केबी डिविजन के भोरमदेव एरिया कमेटी के कांडर 20 लाख के इनामी नक्सली राजेश उर्फ नंदा वंजाम को धराशायी कर दिया।
इस मुठभेड़ में निरीक्षक श्री अंशुमान सिंह चौहान, प्रधान आरक्षक श्री अतुल कुमार शुक्ला एवं प्रधान आरक्षक श्री मनोज कुमार कापसे द्वारा अदम्य साहस का प्रदर्शन कर उल्लेखनीय योगदान किया। इनकी सूझबूझ से जहां इनामी नक्सलियों को ढेर करने में सफलता प्राप्त हुई वहीं दूसरी ओर पुलिस पार्टी के सभी सदस्यों के जीवन की रक्षा भी की गई। उल्लेखनीय है कि निरीक्षक अंशुमान एवं प्रधान आरक्षक अतुल को पूर्व में भी यह पुरस्कार प्राप्त हो चुका है।
डीजीपी ने फोन कर दी बधाई
डीजीपी श्री सुधीर सक्सेना ने वीरता पदक प्राप्तकर्ता पुलिस अधिकारियों को फोन पर बधाई देते हुए उनके वीरता पूर्ण कार्य की प्रशंसा की और भविष्य में और भी उत्कृष्ट कार्य करने की प्रेरणा देते हुए कहा कि आपका अदम्य साहस, कर्तव्यनिष्ठा और देश भक्ति-जनसेवा का जज्बा विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।
विगत 5 वर्षों में 17 नक्सली ढेर
मध्य प्रदेश में पिछले 32 वर्षों से नक्सल अभियान चलाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में 1990 से 2018 तक 28 वर्षों में 15 नक्सली पुलिस एनकाउंटर में धराशायी किये गए जबकि पिछले पांच वर्षों में ही राज्य द्वारा आक्रामक रणनीति के तहत अभियानों के दौरान 17 हार्डकोर नक्सलियों को धराशायी तथा 5 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 8 महिला नक्सली भी शामिल है। मारे गए नक्सलियों पर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से 2.68 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था।
विगत वर्षों में पहली बार 2 डीवीजनल कमेटी स्तर के नक्सली को धराशायी किया गया तथा 2 AK-47 बरामद की गयी। अगस्त 2023 में प्रतिबंधित संगठन CPI (Maoist) की दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य फरार नक्सली अशोक रेड्डी को जबलपुर से गिरफ्तार करने में सफलता अर्जित की गई। नक्सलियों के विरुद्ध आक्रामक रणनीति अपनाई गई तथा आसूचना आधारित अभियानों द्वारा टांडा दलम के चार तथा दर्रेकसा दलम के दो, कुल 6 नक्सलियों को धराशायी कर ट्राइ जंक्शन क्षेत्र में नक्सलियों की कमर तोड़ दी गई। मध्यप्रदेश पुलिस के लगातार प्रयासों और अभियानों से नक्सली बैकफुट पर हैं।