अरुणाचल प्रदेश को मिला पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा, पूर्वोत्तर में कनेक्टिविटी को देगा बढ़ावा
अरुणाचल प्रदेश को आज 19 नवंबर 2022 के दिन अपना पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा मिल गया। पीएम मोदी द्वारा राज्य के नागरिकों को यह सौगात प्राप्त हुई। इस संबंध में पीएम मोदी शनिवार को अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में देश के पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे ‘डोनी पोलो’ का उद्घाटन करने पहुंचे थे।
केवल इतना ही नहीं पीएम मोदी ने 600 मेगावाट के कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन का भी उद्घाटन किया। वहीं इस मौके पर पीएम मोदी ने उड़ान ब्रोशर भी लॉन्च किया। आगे जानिए इस हवाई अड्डे से पूर्वोत्तर के लोगों को क्या लाभ मिलेगा ?
पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी को मिलेगा बढ़ावा
दरअसल, इस हवाई अड्डे के संचालन से पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। पूर्वोत्तर में किए गए इस बड़े विकास कार्यों को लेकर पीएम मोदी ने कहा, ”दूर-सुदूर सीमा पर बसे गावों को पहले आखिरी गांव माना जाता था।
लेकिन हमारी सरकार ने उन्हें आखिरी गांव, आखिरी छोर नहीं बल्कि देश का प्रथम गांव मानकर काम किया है।”
नॉर्थ-ईस्ट का विकास आज देश की प्राथमिकता उन्होंने यह भी कहा कि नॉर्थ-ईस्ट का विकास आज देश की प्राथमिकता बन चुका है। इसी से स्पष्ट होता है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश के किसी भी कोने की अनदेखी नहीं होगी।
यही कारण है कि आज देश में चहुओर विकास कार्य हो रहे हैं। हवाई अड्डे का नाम अरुणाचल प्रदेश की परंपराओं और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत सूर्य (”डोनी”) और चंद्रमा (”पोलो”) के प्रति इसकी सदियों पुरानी स्वदेशी श्रद्धा को दर्शाता है।
हवाई अड्डे की खासियत
इस हवाई अड्डे को करीब 690 एकड़ से अधिक क्षेत्र में विकसित किया गया है। इस पर 640 करोड़ रुपए से अधिक की लागत आई है। 2,300 मीटर रनवे के साथ हवाई अड्डा सभी मौसम में संचालन के लिए उपयुक्त है। हवाई अड्डा टर्मिनल एक आधुनिक इमारत है, जो ऊर्जा दक्षता, नवीकरणीय ऊर्जा और संसाधनों की रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देती है।
कनेक्टिविटी में सुधार के साथ होगा पर्यटन विकास
ईटानगर में नए हवाई अड्डे के विकास से क्षेत्र में न केवल कनेक्टिविटी में सुधार होगा बल्कि यह व्यापार और पर्यटन के विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में भी कार्य करेगा। इससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
उत्तर-पूर्व में विमानों की आवाजाही में 2014 के बाद से 113% की वृद्धि
पांच पूर्वोत्तर राज्यों, अर्थात् मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के हवाई अड्डों ने 75 वर्षों में पहली बार उड़ानें शुरू की हैं। उत्तर-पूर्व में विमानों की आवाजाही में भी 2014 के बाद से 113% की वृद्धि देखी गई है, जो 2014 में 852 प्रति सप्ताह से बढ़कर 2022 में 1817 प्रति सप्ताह हो गई है।
कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन भी राष्ट्र को किया समर्पित
इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने 600 मेगावाट के कामेंग हाइड्रो पावर स्टेशन को भी राष्ट्र को समर्पित किया। 8,450 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से विकसित यह पावर स्टेशन अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में 80 किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र में फैला हुआ है।
यह परियोजना अरुणाचल प्रदेश को आवश्यकता से अधिक बिजली वाला राज्य बनाएगी। इससे ग्रिड स्थिरता और एकीकरण के मामले में राष्ट्रीय ग्रिड को लाभ मिलेगा। यह परियोजना हरित ऊर्जा को अपनाने की देश की प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में प्रमुख योगदान देगी।
चाइना को करारा जवाब
आपको बता दे की चाइना इस क्षेत्र को दक्षीणी तिब्बत कहता है तथा भारत को वहां पर विकास के कार्य करने में बधा पहुँचता था परन्तु केंद्र की मोदी सरकार नें एकता एवं अखंडता का परिचय दिया।