नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर, कई गांवों में आज भी फंसे हैं लोग, देखें Live Updates
भोपाल। प्रदेश के कई जिलों में 24 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। कुछ जिलों में इससे पहले से ही बारिश जारी है। इससे कई शहर जलमग्न हो गए हैं। नदी-नालों के उफान पर आ जाने से कई रास्ते बंद हैं। आवागमन ठप हो चुका है। बैतूल का भोपाल और नर्मदापुरम से संपर्क कट चुका है। प्रदेश के कई गांवों में पानी भर जाने से कई लोगों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया। पुलिस-प्रशासन निचले इलाकों पर अलर्ट मोड में है। नर्मदापुरम में नर्मदा नदी का जलस्तर विगत 24 घंटे में 945 फीट से 964 फीट पर पहुंच गया है।
सोमवार देर रात खतरे के निशान 967 फीट से ऊपर जाने का खतरा है। विदिशा जिले के लटेरी में इस्लाम नगर में बना डैम बारिश के चलते फूट गया। इससे कई गांवों में फसलें बर्बाद हो गई। सीहोर में करबला पुल से एक ऑटो सीवन नदी में बह गया। उसकी तलाश की जा रही है।
शिवपुरी जिले में बदरवास के ग्राम बड़ोखरा में 17.41 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन तालाब फूट गया। पांच गांव की फसल तबाह हो गई। अशोकनगर में कार समेत पांच लोग बह। इनकी तलाश की जा रही है। विदिशा में 3 टीमें, 2 ग्वालियर में, 1 सीहोर में, 1 नर्मदापुरम में और 1 जबलपुर में तैनाती की गई हैं।
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तवा, बारना और बरगी डैम से बंद किया पानी
नर्मदापुरम से खबर है कि नर्मदा के उफान पर आने के कारण तवा डैम, बारना और बरगी डैम के गेट बंद कर दिए गए हैं। अब प्रशासन ने अल्टरनेट गेट खोलने की व्यवस्था की है। नर्मदा में लगातार बढ़ते जल स्तर को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
रतलाम में रेल की पटरियां डूबी
रतलाम जिले से खबर है कि आलोट में 24 घंटे में सबसे अधिक 11 इंच बारिश हो चुकी है। नदी-नाले उफान पर चल रहे हैं। पानी इतना है कि रेल पटरियां डूबी हुई हैं। रेल से लेकर सड़क मार्ग कई जगह बन्द हो गए हैं। जावरा शहर में पीलिया खाल क्षेत्र में एक परिवार के बाढ़ में फंसे होने की सूचना है। एक परिवार के तीन सदस्यों ने एक मंदिर में शरण ले रखी है। रतलाम शहर का हनुमान ताल का पानी मंदिर तक पहुंच गया है।
भोपाल में मंगलवार सुबह से रेस्क्यू ऑपरेशन
लगातार बारिश से भोपाल और उसके आसपास के गांवों में मंगलवार सुबह भी बाढ़ जैसे हालात हैं। बंदौरी गांव में 7 लोग बाढ़ में फंस गए थे। सोमवार को अंधेरा हने के कारण मंगलवार सुबह रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। इन 7 लोगों में 3 बच्चे भी हैं। इधर, दामखेड़ा और समरधा टोला के निचले इलाकों में कलियासोत नदी का पानी भरने से करीब 200 से अधिक लोगों को स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है। कलियासोत, केरवा और भदभदा डैम से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण यह स्थिति बनी है।
नर्मदापुरम में नर्मदा नदी खतरे के निशान से ऊपर चल रही है। मंगलवार को भी तवा के गेट खुलने से इसका जल स्तर अधिक रहा। वहीं बरगी डैम का पानी भी नर्मदापुरम तक पहुंचने के कारण इसके जल स्तर में और भी विस्तार हो सकता है। रायसेन जिले का बारना डैम से भी थोड़े अंतराल के बाद पानी छोड़ा जा रहा है। गौरतलब है कि इन तीनों ही डैम के एक साथ पानी छोड़ने की स्थिति में नर्मदा नदी में बाढ़ आ जाती है। इसे देखते हुए प्रशासन बेहद सतर्कता बरत रहा है।
राजधानी भोपाल की कई कॉलोनियों में एक मंजिल तक पानी भर जाने के कारण नाव चलाना पड़ी। मंगलवार को सुबह भी रातभर बारिश आने के कारण कई इलाकों में पानी भरा रहा। सोमवार को तेज आंधी में कई पेड़ बिजली लाइनों में गिर जाने से शहर में बिजली व्यवस्था प्रभावित रही। कई इलाकों में तो 17 से 20 घंटे तक बिजली नहीं रही। देर रात को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं ही बिजली व्यवस्था का जायजा लेने सड़क पर निकले थे। मंगलवार को भी सुबह से ही न्यू मार्केट क्षेत्र में बार-बार बिजली गुल हो रही है।