रीवा जिले के इस थाना प्रभारी सहित कई पुलिस कर्मचारियो की बढ़ी मुश्किलें, गिरफ्तारी की आशंका
थाना प्रभारी सहित चार पुलिस कर्मचारियों की वरिष्ठ न्यायालय ने खारिज किया याचिका ! सभी पर मंडरा रही अब गिरफ्तारी की आशंका !
मध्य प्रदेश के रीवा जिला अंतर्गत शाहपुर के तत्कालीन थाना प्रभारी रहे दीपक त्रिपाठी व कई अन्य पुलिस कर्मचारियों के विरुद्ध घर मे घुसकर महिलाओं के साथ अश्लीलता, गाली गलौज व घर के अंदर रखें सामानों को नुकसान पहुचने पर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी हनुमना की न्यायालय ने पूर्व में प्रकरण पंजीबद्ध किया था। कुछ समय पूर्व रीवा जिले के हनुमना तहसील अंतर्गत पूर्व में शाहपुर थाना के प्रभारी रहे दीपक त्रिपाठी व अन्य आरक्षक जिनमे, सुरेश डाबर, बलराम, विवेकानंद यादव अतुलधर द्विवेदी पर फरियादी महिला के परिवाद पर संज्ञान लेते हुए न्यायिक दंडाधिकारी हनुमना श्री उत्कर्षराज सोनी ने भारतीय दंड विधान की धारा 452,354,166,147,294,147,149,427 के अंतर्गत आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध किया था।
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प्रकरण के संबंध में फरियादी महिला के अधिवक्ता केशरी प्रसाद मिश्र एवं जे पी त्रिपाठी ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित महिला के ससुर इलाज हेतु बाहर गए थे जिन्हें डॉक्टरों ने अस्पताल में एडमिट कर दिया था! उसी दौरान शाहपुर पुलिस थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी दीपक त्रिपाठी व अन्य चार पुलिस कर्मी घर मे जबरन घुस आए व घर की महिलाओं के साथ गाली गलौज व अश्लीलता किया। इतना ही नहीं घर के अंदर रखे सामांन को फेंक कर नुकसान पहुंचाया तथा उल्टा उनके ससुर के विरुद्ध फर्जी मुकदमा पंजीबद्ध कर दिया! किन्तु न्यायालय ने पुलिस के उक्त झूठे मुकदमे को खारिज कर दिया, व पीड़ित महिला के परिवाद पर संज्ञान लिया लाकर आरोपी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था, जिसके विरुद्ध आरोपी पुलिस वालों द्वारा उक्त आदेश के विरुद्ध द्वितीय जिला न्यायाधीश मऊगंज के न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका लगाई थी।
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जिसे वरिष्ठ न्यायालय द्वारा याचिका क्र 31/22 दिनांक 16/03/23 को निरस्त कर दिया गया ! जिसके कारण अब आरोपी पुलिस वालों को न्यायालय में उपस्थित होकर जमानत की मांग करनी पड़ेगी! क्योंकि उन पर लगाई गई कुछ धाराएं अजमानतीय प्रकृति की होने से उन्हें जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है, वरिष्ठ न्यायालय में फरियादियों की ओर से पैरवी श्री उमेश मिश्र द्वारा की गई।