आज भारत में आपातकाल को 48 वर्ष बीत चुके हैं। 25-26 जून की दरम्यानी रात को यह ऐलान किया गया कि, देश में आपातकाल घोषित कर दिया गया। पूरा देश अवाक रह गया। पर नए युवाओं के मन में यह सवाल होगा कि, आपातकाल क्या है? आपातकाल कब लगा। और इसे लगाने का हुक्म किसने दिया। इस सभी सवालों का जवाब आपके लिए है।

भारत एक लोकतान्त्रिक देश है। कुछ विशेष परिस्थितियों में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करनी पड़ती है। और देश में वो दिन भी आया जब आपातकाल लगाना पड़ा। 26 जून 1975 को देश में आपातकाल लगा दिया गया। 21 मार्च 1977 तक नागरिकों के अधिकार, सत्ता के खिलाफ बोलना और प्रेस पर कठोर सेंसर लगा दिया गया। भारतीय संविधान में आर्टिकल 352 से 360 तक आपातकालीन उपबंध दिए गए हैं। इस दौरान केंद्र सरकार सर्वशक्तिमान हो जाता है। यह आपातकाल इंदिरा गांधी ने लगाया था। वह उस वक्त देश की प्रधानमंत्री थी। संपूर्ण क्रांति का आह्वान वहन करने वाले जयप्रकाश नारायण ने इसे भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय कहा था।

रायबरेली से इंदिरा गांधी ने जीत हासिल की

आपातकाल की नींव कैसे पड़ी इस बारे में जानते हैं। मार्च 1971 में हुए आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 352 सीटों पर जबरदस्त जीत मिली थी। इंदिरा गांधी ने भी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी राजनारायण को यूपी की रायबरेली लोक सभा सीट से हरा दिया था। पर राजनारायण ने इंदिरा गांधी की इस जीत को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी।

जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा ने सुनाया फैसला

बस कहानी यही से शुरू हो गई। इस मुकदमे में उस समय इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा ने अपने फैसले में जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार इंदिरा गांधी का सांसद चुना जाना अवैध बताया। और अगले 6 साल तक कोई भी चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी।

जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

इंदिरा गांधी ने जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। जहां सिर्फ यह राहत मिली कि उन्हें प्रधानमंत्री बने रहने की अनुमति तो दे दी गइ। लेकिन कहा कि वे अंतिम फैसला आने तक सांसद के रूप में मतदान नहीं कर सकतीं हैं।

जयप्रकाश नारायण की रैली ने बनाया रास्ता

सुप्रीम कोर्ट फैसले के अगले दिन 25 जून को दिल्ली के रामलीला मैदान में जयप्रकाश नारायण ने रैली की, जिसमें यह नारा बुलंद किया कि सिंहासन खाली करो जनता आती है। बस इसी रैली के आधार पर इंदिरा ने आपातकाल लगाने का फैसला किया था।

आपातकाल के वक्त फखरुद्दीन अली अहमद थे राष्ट्रपति

देश में पहला राष्ट्रीय आपातकाल 25 जून 1975 में लागू किया गया था। उस वक्त फखरुद्दीन अली अहमद देश के राष्ट्रपति थे। यह आपातकाल 21 महीने अर्थात 21 मार्च 1977 तक चला था। जिसे याद कर उस वक्त के बचे लोग आज भी कांप जाते है।

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