चितो के बाद हाथी का होगा मध्य प्रदेश मे वास
मप्र में वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए 15 हाथी आएंगे। कर्नाटक से आने वाले 15 हाथियों की मेजबानी के लिए फॉरेस्ट विभाग तैयारी में जुटा है।
हाथियों को लाने के लिए एसटीआर की टीम बनकर तैयार है। टीम में क्षेत्र संचालक, डॉक्टर, महावत रहेंगे।
नवंबर माह के अंत तक हो सकता है आगमन
हाथी लाने के लिए टीम नवंबर के आखिरी सप्ताह में जाएगी। नवंबर आखिर या दिसंबर के पहले सप्ताह में हाथी लाए जाएंगे। इन्हें कड़ी सुरक्षा में लाया जाएगा। दो माह पहले ही मप्र में आफ्रीका से 8 चीते आए है। उनके बाद अब हाथी लाने की तैयारी जोरों पर चल रही है।
बनाया जायेगा क्वारंटाइन वार्ड
यहां लाकर हाथियों को पहले कैंप में रखेंगे। उनकी निगरानी होगी। इसके बाद उन्हें सुरक्षा व्यवस्था में लिया जाएगा। एसटीआर में अभी 6 हाथी हैं। 6 और आने के बाद 12 हो जाएंगे। हाथी लाने के लिए एसटीआर ने बाकायदा वाहन के लिए टेंडर किए थे। टेंडर के अनुसार गाड़ी हो गई हैं। अब गाड़ी कर्नाटक, मैसूर जाएंगी। कर्नाटक के नागरहोल टाइगर रिजर्व (मैसूर) समेत तीन स्थानों से 15 हाथी लाए STR में लाएं जाएंगे। वहां प्रक्रिया पूरी होने के बाद हाथियों को लाया जाएगा। एसटीआर के क्षेत्र संचालक एल. कृष्णमूर्ति ने बताया नवंबर के आखिरी सप्ताह में हाथी लेने के लिए जाएंगे।
सुरक्षा का रखा जायेगा ध्यान
हाथियों को सुरक्षा व्यवस्था में यहां लाया जाएगा। उन्हें नियमानुसार पूरी खुराक दी जाएगी। उन्होंने बताया की हाथियों को लाने के लिए हमें लंबी प्रक्रिया पूरी करना होती है, जिसे किया जा रहा है।
एशियाई हाथी का वजन 3 से 5 हजार किलो
कर्नाटक के मैसूर के नागरहोल टाइगर रिजर्व में एशियाई हाथी होते हैं। इन हाथियों की कई विशेषताएं हैं। घने जंगल में वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए यह उपयुक्त रहते हैं। एशियाई हाथी रात में ज्यादा सक्रिय होते हैं। 150 किलो सामग्री खा सकते हैं। इनके कान बड़े होते हैं। वजन 3 से 5 हजार किलो होता है। हाथी एक दिन में 200 लीटर तक पानी पी लेते हैं। इसलिए पानी की लिए दूर तक बार-बार नहीं जाते हैं।
बाघ के रेस्क्यू में भी काम आते हैं
पर्यटकों को सैर कराने, बाघों के रेस्क्यू एवं रात में पेट्रोलिंग हाथियों से की जाती है। एसटीआर में हाथी महोत्सव के दौरान 7 दिनों तक विशेष पकवान खिलाए जाते हैं। मेडिकल परीक्षण भी कराया जाता है.