राज्य शिक्षा केन्द्र के नियमों को ताक में रख डीपीसी ने कर दी बीएसी की फर्जी नियुक्ति।

रीवा जिले में शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार इन दिनों चरम पर है। हालिया मामला एक बीएसी की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है। जिसमे जिला परियोजना समन्वयक देवकरण मिश्रा ने राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश को धता दिखाते हुए नियमों के विरुद्ध कार्यानुमति प्रदान कर दी। जबकि कर्मचारी उस पद हेतु पात्र नहीं था।

ये है पूरा मामला

शा.उ.मा.वि. रौरा संकुल के शा.मा.विद्यालय भाटी में पदस्थ माध्यमिक शिक्षक महेंद्र पटेल को जनपद शिक्षा केन्द्र रायपुर कर्चुलियान का बीएसी बनाया गया है। लेकिन महेंद्र पटेल इस पद के लिए अयोग्य थे। दरअसल महेंद्र पटेल पूर्व में 2016 से 2022 तक 6 वर्ष सीएसी के पद पर प्रतिनियुक्त थे। ऐसे में राज्य शिक्षा केंद्र के नियमानुसार उन्हें दुबारा किसी पद पर प्रतिनियुक्ति पाने हेतु न्यूनतम 02 वर्ष का कूलिंग ऑफ पीरियड पूरा करना अनिवार्य होगा।

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बता दे की उन्हे कम से कम दो वर्षों तक विद्यालय में शिक्षक के रूप में अपनी सेवाएं देनी होगी जिसके बाद ही वो कोई प्रतिनियुक्ति पाने के पात्र होंगे। लेकिन रीवा जिले के डीपीसी देवकरण मिश्रा ने सांठगांठ के चलते तथ्यों को छिपाते हुए महेंद्र पटेल को कूलिंग ऑफ पीरियड पूरा होने के पहले ही दोबारा बीएसी के पद पर प्रतिनियुक्ति प्रदान कर दी गई। जबकि यह पूरी तरह राज्य शासन के नियमों के खिलाफ है। क्योंकि महेंद्र पटेल की सीएसी की प्रतिनियुक्ति समाप्त होने और बीएसी के पद पर नवीन कार्यानुमति मिलने में सिर्फ 3 माह का अंतर है जबकि यह कूलिंग ऑफ पीरियड न्यूनतम दो वर्षों का होना चाहिए।

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिला परियोजना समन्वयक देवकरण मिश्र ने पहले भी कई ऐसी फर्जी नियुक्तियां की है। जिनकी अगर सही से जाँच कराई जाए तो व्यापक भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हो सकता है। क्योंकि डीपीसी देवकरण अक्सर तथ्यों को छिपा कर जिला पंचायत सीईओ से फर्जी नियुक्तियों का अनुमोदन करा लेते हैं। और वरिष्ठ अधिकारियों के नाक के नीचे भ्रष्टाचार का खुला खेल होता है।

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क्या कहता है राज्य शिक्षा केंद्र का नियम!

◆ऐसे अभ्यर्थी जो सर्व शिक्षा अभियान मिशन अंतर्गत प्रतिनियुक्ति पर कार्य कर चुके हैं उन्हें पुनः प्रतिनियुक्ति पर आने हेतु न्यूनतम 02 वर्ष का कूलिंग ऑफ पीरियड होना अनिवार्य होगा

◆ऐसे अभ्यर्थी जिनकी प्रतिनियुक्ति अवधि निर्धारित कूलिंग ऑफ पीरियड से कम है, ये प्रतिनियुक्ति हेतु पात्र नहीं होंगे।

◆यदि कर्मचारी अन्य विभाग में प्रतिनियुक्ति पर रहे है और विनिर्दिष्ट कूलिंग पीरियड पूर्ण नहीं हुआ है, तो वह भी पात्र नहीं होंगे।

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