शोसल मिडिया और शोसल साइड का दुरुपयोग करने वालो पर रीवा कलेक्टर मनोज पुष्प, एसपी नवनीत भसीन सख्त, फर्जी और काटछाट कर वीडियो आडियो बनाकर वायरल करने और बिना साक्क्ष साबूत और सत्यता के आडियो वीडियो वायरल करने वालो पर अब होगी कड़ी कार्यवाई,

समाज में शांति व्यवस्था सौहार्द बनाए रखने कलेक्टर एसपी का बड़ा निर्णय,

वर्तमान परीस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए असामाजिक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से सामाजिक ताने बाने को तोडने एवं वैमनस्यता फैलाने की स्थिति निर्मित की जा सकती है। रीवा शहर संभागीय मुख्यालय होने के साथ-साथ अति संवेदनशील है, उक्त कृत्य से शहर की शांति एवं कानून व्यवस्था को खतरा होने के साथ-साथ मानव जीवन में भय, रोश, घृणा एवं मानसिक क्षोभ का माहौल बनता है, जिसमें निम्नानुसार बिन्दु कृपया विचारणीय है :-



1. प्रायः यह देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया के माध्यम से इस तरह की चीजें वायरल की जाती हैं, जिससे सामाजिक सौहार्द, कानून-व्यवस्था की स्थिति निर्मित होती है।

2.अनेक बार घटना को बढ़ा-चढ़ाकर केवल इतने हिस्से का वीडियो वायरल किया जाता है, जिनसे घटना के बारे में गलत भ्रांति फैलती है, जबकि कई बार काफी दिनों पूर्व की घटनाओं को भी इस तरह से वायरल किया जाता है कि जैसे वह आज अथवा कल की घटना है।

3. कई बार इस तरह के वीडियो भी वायरल किए जाते हैं जो अन्य राज्य या अन्य जिले के होते हैं लेकिन उसका शीर्षक ऐसा होता है, जिससे की उक्त वायरल वीडियो, जिला रीवा का ही हो। इससे न केवल देखने वालों के बीच गलत संदेश जाता है अपितु कई बार कानून-व्यवस्था की स्थिति भी निर्मित होती हैं।

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4. इस तरह सोशल मीडिया प्लेटफार्म (व्हाट्एप, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, यूटूयूब आदि) पर किसी भी प्रकार की अपुष्ट पोस्ट को शेयर / फॉरवर्ड करने पर संबंधित व्यक्ति के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही किए जाने की आवश्यकता प्रतीत होती है।

5. व्हाट्एप, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के ग्रुप एडमिनों की जिम्मेदारी होगी की वह किसी भी अपुष्ट घटना की पोस्ट को तत्काल संबंधित पुलिस अधिकारी को सूचित करें ताकि उसकी सत्यता की पुष्टि की जाकर संबंधित के विरूद्ध कार्यवाही की जा सके।


6. ग्रुप एडमिनों द्वारा अपुष्ट वायरल जानकारी को संबंधित पुलिस अधिकारी को सूचित न करने पर उनके विरूद्ध भी कानूनी कार्यवाही की जा सके।

 

इसलिए संबंधित स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए लोक जीवन एवं लोक समायोजन की सुरक्षा हेतु धारा 144 द.प्र.स. निषेधाज्ञा जारी होने से पहले ही प्रेतवाधित प्रेषित है।

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