Big Breaking: रीवा के डिग्री लेकर पास आउट हुए 500 छात्रों के भविष्य पर लटकी तलवार,
The future of Rewa students in darkness, this is the reason
रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की लापरवाही सैकड़ों छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ गई है। बार काउंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली की मान्यता लिए बिना ही लॉ कॉलेज का संचालन करते रहे। सैकड़ों छात्रों को धड़ाधड़ डिग्रियां बांट दी। अब यह डिग्रियां बेकार हो गई हैं। छात्र वकालत नहीं कर पा रहे है। मप्र स्टेट बार काउंसिल ने लॉ डिपार्टमेंट से पास आउट हुए छात्रों का रजिस्ट्रेशन करने से ही इंकार कर दिया है।
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ज्ञात हो अवधेश प्रताप सिंह विवि परिसर में भी लॉ डिपार्टमेंट का संचालन हो रहा है। इस डिपार्टमेंट में भी लॉ की पढ़ाई करने के लिए छात्र प्रवेश लेते हैं। वर्ष 2006-07 के बाद से इस डिपार्टमेंट में प्रवेश लेने वाले छात्रों की डिग्री और पढ़ाई बेकार साबित हो रही है। विवि ने विधि महाविद्यालय की संबद्धता का नवीनीकरण ही बार कौंसिल आफ इंडिया नई दिल्ली से नहीं कराया। बिना संबद्धता के ही कोर्स का संचालन जारी रखा। अब यही लापरवाही छात्रों के कॅरियर पर भारी पड़ रही है।
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अधिवक्ता बनने की चाह में कई छात्रों ने मप्र बार काउंसिल के पास रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया। इनके आवेदन पेडिंग में डाल दिए गए हैं। इसके पीछे वजह कॉलेज की संबद्धता न होना बताया गया है। हद तो यह है कि मप्र स्टेट बार काउंसिल ने इसकी जानकारी भी विवि को उपलब्ध करा दी है। इसके बाद भी विवि प्रबंधन सम्बद्धता की कार्रवाई कराने में हीलाहवाली कर रहा है। इस लापरवाही का शिकार हुए कई छात्रों ने विवि के कुलपति से भी मुलाकात की लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाया है।
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स्टेट बार काउंसिल ने यह लिखा है
स्टेट बार कौंसिल आफ मप्र के प्रभारी अधीक्षक ने प्राचार्य विधि महाविद्यालय एपीएसयू को पत्र लिखा है कि मप्र प्रदेश राज्य अधिवक् ता परिषद को बार कौंसिल ऑफ इंडिया नई दिल्ली से विधि महाविद्यालय की संबद्धता सूची 24 अप्रैल 2022 को आनलाइन अपडेट प्राप्त हुई है। इस सूची में विध महाविद्यालय की संबद्धता नवीनीकरण वर्ष 2006-07 के बाद नहीं हुआ है। इस कारण विधि महाविद्यालय से उत्तीर्ण छात्रों का अधिवक्ता के रूप में नामांकन किया जाना संभव नहंी है।
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प्रभारी अधीक्षक ने पत्र में यह भी लिखा है कि शीघ्र अतिशीघ्र विधि महाविद्यालय की संबद्धता के अनुमोदन का नवीनीकरण बार कौंसिल आफ इंडिया नई दिल्ली से प्राप्त कर मप्र राज्य अधिवक्ता परिषदकार्यालय जबलपुर को विधिवत सूचित करें, जिससे विधि महाविद्यालय से उत्तीर्ण छात्रों का अधिवक्ता के रूप में पंजीयन किया जा सके।
करीब 500 छात्र हुए हैं प्रभावित
मप्र स्टेट बार काउंसिल के पास रजिस्ट्रेशन के लिए विधि महाविद्यालय के करीब 500 से अधिक छात्रों के आवेदन लंबित है। इनका रजिस्ट्रेशन सिर्फ संबद्धता न होने के कारण पेडिंग में है। इस लंबित प्रकरणों में हेमंत पाठक, भुवन मिश्रा, आदर्श सिंह चंदेल भी प्रभावित हुए हैं। इनकी मार्कशीट तो इश्यू की गई है लेकिन रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा है। इन छात्रों ने विवि के कुलपति से भी संबद्धता को लेकर मुलाकात भी की लेकिन कोई सार्थक जवाब नहीं मिला। छात्रों का कहना है कि विवि के कुलपति ने फिलहाल हाथ खड़े कर दिए हैं। उनका कहना है कि फीस आदि जमा कर दी गई है। संबद्धता नहीं दी जा रही है। इसमें वह कुछ नहीं कर सकते।