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बैल की जगह महिला 30 कि.मी से खींचती ला रही थी बैलगाड़ी, बोली- न घर है न कोई काम, सुनकर दंग रह जाएंगे इसकी जुबानी

राजगढ़. भले ही सरकार देश और मध्य प्रदेश में गरीबी हटाने या अंतिम छोर के व्यक्ति तक योजना का लाभ पहुंचाने के तमाम दावे करती रहती हो, लेकिन कई बार ऐसी तस्वीरें देखने को मिलती हैं, जो सिस्टम के इन दावों की जमीनी हकीकत पर रोशनी डालने को मजबूर करती हैं। ऐसी ही बेबसी और बदहाली से जुड़ी एक मार्मिक तस्वीर मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में देखने को मिली।




वैसे तो हम बैलगाड़ी में बैल को जोतकर सामान ढोने के कार्य को भी क्रूरता और अमानवीयता से जोड़कर देखते हैं। लेकिन, जिले के पचोर की एक सड़क पर बैलगाड़ी में बैल के स्थान पर एक महिला जुती हुई थी और सामान ढोते हुए ले जा रही थी।




बैलगाड़ी खींचते हुए ले जाने वाली महिला का नाम लक्ष्मी बाई है, जो बीते कई दिनों से बिना कुछ खाए बैलगाड़ी पर कुछ सामान और एक मासूम बच्ची को ढो रही है। महिला के अनुसार, वो 30 किलोमीटर दूर से लगातार बैलगाड़ी को अपने हाथ से खींचते हुए ला रही है। सोशल मीडिया पर इस घटना का एक वीडियो भी काफी तेजी से वायरल हो रहा है।




इनसे पहले किन्हें मिलना चाहिए योजनाओं का लाभ ?

महिला के अनुसार, उसके पति का देहांत हो चुका है और हालात ये हैं कि, उसके पास रहने को घर तक नहीं है। वो इसी तरह अपना सामान बैलगाड़ी पर लादकर पचोर के आसपास इलाकों और गांवों में मजदूरी करके अपना और बच्ची का पेट पालने का काम करती है। महिला का कहना है कि, वैसे तो जहां भी दिन ढल जाए, वहीं किसी सड़क के किनारे ठहर जाती है। वो अपनी बेटी को भी हमेशा अपने साथ रखती है।




उसे रोज दो वक्त की रोटी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। महिला गरीबी से इतनी मजबूर है कि, उसे अकसर दो वक्त का खाना तक नसीब नहीं हो पाता। कोई मदद करने के लिए आगे भी नहीं आता। ऐसे में सरकार की योजनाओं पर सवाल उठना लाजिमी है। क्या ऐसे लोगों को योजनाओं का लाभ नहीं मिलना चाहिए ?




इंसानियत अभी जिंदा है

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में जहां एक तरफ किसी इंसान की झकझोर देने वाली मजबूरी देखने को मिली, जिससे किसी का भी दिल पसीज जाए तो वहीं ये भी देखकर खुशी मेहसूस हुई कि, चले आज भी इंसानियत जिंदा है। वीडियो में एक शख्स इस मजबूर महिला की मदद करते भी दिखाई दिया।

बता दें कि, जब महिला अपनी बेटी को बैलगाड़ी पर सामान के साथ बैठाकर पचोर से सारंगपुर जा रही थी तो वहां से गुजर रहे एक बाइक सवार शख्स का दिल उनकी दुर्दशा देखकर पिघल गया। जन शिक्षक देवी सिंह नागर की नजर उन पर पड़ी तो उन्होंने महिला की मदद करने को कहा। इतना लंबा सफर तय करके आ रही महिला शायद थककर चूर हो चुकी होगी। महिला की सेहमति मिलने पर अपनी बाइक से उन्होंने बैलगाड़ी को बांध दिया, फिर महिला को सारंगपुर तक पहुंचाया।

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