टीआरएस के प्राध्यपको  के पीछे किसका  हाथ ,आखिर कौन है मास्टर माइंड?

रीवा : विंध्य का सबसे बड़ा टीआरएस कॉलेज जिसमे हजारो विधार्थी पढ़ रहे , दो बर्ष के अंदर करोडो रुपये का भ्रस्टाचार सामने आया है जिसमे तत्कालीन कलेक्टर डॉ इलयाराजा टी ने टीआरएस प्राचार्य  डॉ अर्पिता अवस्थी के लिखे गए पत्र पर जांच समित  गठित की गई थी जिसमे गठित समित के द्वारा व्यापक भस्टाचार उजागर  हुआ  जिसमे EOW द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई साथ ही EOW ने टीआरएस के पढ़ाने  वाले 16 प्राध्यपको  को आरोपी बनाया गया जिसमे तीन पूर्व प्राचार्यो का चालान पेश किया वही न्यायालय के द्वारा उन्हें जेल भेज दिया गया बाकी 13 पर प्राध्यपको का चालान आज तक प्रस्तुतः नहीं हुआ ये आरोपी प्राध्यपक परीक्षा जैसे गोपनीय कार्यो में लगे हुए है जहा इन्होने भ्रस्टाचार  किया था

Rewa : टीआरएस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य रामलला शुक्ला भ्रष्टाचार के आरोप में पहुँचे जेल।

सभी आऱोपी प्राध्यापक गोपनीय  में बैठकर प्रतिदिन  बिल भुगतान का वाउचर बनाने में लगे रहते हैं एक और  मध्य प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है और वही  टीआरएस कॉलेज की बात आती है तो इन 13 आरोपी प्राध्यापकों के ऊपर कार्यवाही कर जांच को ठन्डे वस्ते में डाल दिया  गया

वही हाल ही में उच्च शिक्षा के OSD डॉक्टर संजय जैन को मध्य प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त कर दिया था टीआरएस कॉलेज के प्राध्यापकों के ऊपर आरोप साबित हैं!  लेकिन ईओडब्ल्यू के द्वारा आज दिनांक तक इनका चालान कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किया गया वही मीडिया सूत्रों की माने  तो  इनके ऊपर राजनीतिक व्यक्ति का हस्तक्षेप है

जिनके कारण यह विवेचना के नाम पर बचे हुए हैं वही राजनीतिक पकड़ होने के कारण  इनके ऊपर आगे की कार्यवाही नहीं की गई अब  देखना यह होगा की EOW  क्या कार्यवाही करता है ?

Rewa TRS COLLEGE में भारी अराजकता का माहौल परीक्षा जैसे कार्य में नियमित प्राध्यापक रहते हैं नदारद

EOW द्वारा बनाये गए ज्ञात/ अज्ञात / संदेही / आरोपी का पूर्ण विवरण:-

(1) श्री रामलला शुक्ला, तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा जिला रीवा

(2) डॉ० एस०यू० खान तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिलारीवा (म0प्र0)

(3) डॉ0 अजय शंकर पाण्डेय, तत्कालीन प्राध्यापक ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा जिला रीवा (म0प्र0)

(4) डॉ० कल्पना अग्रवाल तत्कालीन प्राध्यापक, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)

(5) डॉ0 संजय सिंह तत्कालीन प्राध्यापक, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)

(6) डॉ0 संजय शंकर मिश्रा तत्कालीन प्राध्यापक, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0

) (7) डॉ० आर०पी० चतुर्वेदी प्राध्यापक, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)

(8) डॉ० बी०पी० सिंह तत्कालीन प्राध्यापक, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)

(9) डॉ० सुशील कुमार दुबे तत्कालीन प्राध्यापक, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)

(10) डॉ0 अवध प्रताप शुक्ला तत्कालीन प्राध्यापक, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)

(11) डॉ0 आर0एन0 तिवारी तत्कालीन प्राध्यापक, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)

. (12) डॉ0 एस0एन0 पाण्डेय तत्कालीन प्राध्यापक, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)

(13) डॉ0 आर0के0 धुर्वे तत्कालीन प्राध्यापक, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)

(14) डॉ0 सत्येन्द्र शर्मा तत्कालीन प्राध्यापक, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)

TRS कॉलेज के डेढ़ सौ श्रमिक परेशान

(15) डॉ० एच०डी० गुप्ता तत्कालीन प्राध्यापक, ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)

(16) प्रियंका मिश्रा श्रमिक ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)

(17) प्रभात प्रजापति श्रमिक ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा जिला रीवा (म0प्र0)

(18) रामप्रकाश चतुर्वेदी भृत्य ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0)।

( 19 ) तत्कालीन लेखापाल ठा० रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा, जिला रीवा (म0प्र0) |

डॉ आर पी चतुर्वेदी वर्तमान में कॉलेज के प्रसाशनिक अधिकारी है और यही EOW  के आरोपी भी है , वही इनको वर्तमान प्राचार्य  द्वारा  प्रसाशनिक अधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है

वही टीआरएस कॉलेज के कुछ लोगो का कहना है की प्राचार्य डॉ आर पी चतुर्वेदी ही है? डॉ अर्पित अवस्थी नाम मात्र की प्राचार्य है समस्त प्रकार के कार्य डॉ आर पी चतुर्वेदु ही संचालित करवाते है वही श्रमिकों की नियुक्ति में डॉ आर पी चतुर्वेदी और प्रभारी  मुख्य लिपिक चंद्र कान्त मिश्रा के द्वारा अपने चहेतो को काम पर रख लिया गया लगभग 50 श्रमिकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया  वही आपको बता दे की वही श्रमिक करीब 10 साल से वहा कार्यरत थे जिन्हे हाल में बाहर कर दिया गया है

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