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14 अप्रैल 2023  को भारत के संविधान निर्मात्री समितियों में से प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. बी आर अंबेडकर जी की जयंती मनाई गयी। भारत के तमाम नेता बाबा साहेब को याद कर श्रद्धांजलि अर्पित की ।

परिचय : डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर  जो कि बाबासाहेब अंबेडकर (Babasaheb Ambedkar) के नाम से लोकप्रिय थे भारतीय संविधान के मुख्य निर्माताओं में से एक थे।डॉ. अंबेडकर एक प्रसिद्ध राजनीतिक नेता, दार्शनिक, लेखक, अर्थशास्त्री, न्यायविद्, बहु-भाषाविद्, धर्म दर्शन के विद्वान और एक समाज सुधारक थे, जिन्होंने भारत में अस्पृश्यता और सामाजिक असमानता के उन्मूलन के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया।उनका जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश में हिंदू महार जाति (Hindu Mahar Caste) में हुआ था।

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क्या सच में संविधान बाबासाहेब ने बनाया 

बाबासाहेब की योग्यता पर सवाल न खड़ा करते हुए ये बता देना चाहता हूँ की संविधान निर्माण में सिर्फ उन्ही का योगदान नहीं है ।26 नवंबर को जो संविधान बनकर तैयार हुआ था उसका रूपरेखा बी एन राव ने बनाया था, किन्तु बाबासाहेब अंबेडकर की कानूनी विशेषज्ञता और विभिन्न देशों के संविधान का ज्ञान संविधान के निर्माण में मददगार साबित हुआ लेकिन  वो संविधान सभा की प्रारूप  समिति के अध्यक्ष थे। वास्तव में यदि संविधान निर्माता की संज्ञा देनी है तो उसके हक़दार बी एन राव साहेब है ना की बी आर अंबेडकर।

बहरहाल हमको उनके जीवन से  सीखना चाहिए जैसा की प्रसिद्ध इतिहासकार आर.सी. गुहा के अनुसार, डॉ. बी.आर. अंबेडकर अधिकांश विपरीत परिस्थितियों में भी सफलता का अनूठा उदाहरण हैं। आज भारत जातिवाद, सांप्रदायिकता, अलगाववाद, लैंगिग असमानता आदि जैसी कई सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। हमें अपने भीतर अंबेडकर की भावना को खोजने की ज़रूरत है, ताकि हम इन चुनौतियों से खुद को बाहर निकाल सकें।

 

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