शराब कारोबारीयो के संरक्षण में नईगढ़ी पुलिस का आरक्षक?

नईगढ़ी थाना में पदस्थ आरक्षक मनीष पांडेय निजी स्वार्थ के लिए तस्करो का रहनुमा बन गया है।

Mauganj:आरक्षक मनीष पुलिस विभाग की रहनुमाई की झलक उस वक्त देखने को मिली जब बदउआ गांव में ग्रामीणो ने शराब की पेटियो से भरी बोलेरो रोक ली, जिसमे बैठे तस्कर तो भाग निकले लेकिन चालक सहित दो युवको को ग्रामीण पकड़कर पुलिस को सूचना दी।

पकड़ी गई शराब के खेप की सूचना पर आरक्षक मनीष मौके पर पहुंच गया। वहां उसके सामने ग्रामीण 8 पेटी गोवा शराब के साथ बोलेरो वाहन सहित तीन लोगों को सौंप दिया। बदउआ से नईगढ़ी पहुंचते ही आरक्षक द्वारा सांठगांठ कर के बड़ा खेला कर दिया गया!

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 7 पेटी शराब को 170 पाव में तब्दील करने के एवज में 1.50 लाख रुपए का सौदा शराब कारोबारी और आरक्षक के बीच हुआ‌?

ग्रामीणो ने गांव में अवैध शराब से लदी बोलेरो वाहन के गांव में घुसने के पहले से लेकर पुलिस को सौंपे जाने के साथ ही विदा होने तक की वीडियो बनाई। वीडियो मे स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि बाबा की पालकी और एके 47 का स्टीकर लगे बोलेरो में 8 पेटी विदेशी गोवा ब्रांड की शराब लदी हुई है।

 

उक्त वीडियो एसपी मऊगंज, डीएसपी मऊगंज औरटीआई नईगढ़ी तक के मोबाइल पर जा पहुंची

नईगढ़ी में पदस्थ शराब कारोबारियों के रहनुमा आरक्षक मनीष के हौसले की दाद देनी होगी। अधिकारियो की आंखों में धूल झोंक कर 8 पेटी विदेशी शराब को समेट कर 3 पेटी देशी शराब मे तब्दील कर दी। इतना ही नहीं अवैध शराब से लोड वाहन में मिले दो तस्करो को भी भूमिगत कर चालक का चेहरा पुलिस अधिकारियो के सामने रख दिया। ऐसे आरक्षक को एसपी क्या इनाम देते है यह तो भविष्य की गर्त में है!

आरक्षक मनीष पांडेय इसके पहले भी गढ़ थाने में रहते हुऐ तस्करों के साथ मिल जुल कर 100 डायल की आड़ में तस्करी करवाते थे , जिसकी शिकायत मिलने पर रीवा एसपी के द्वारा लाइन अटैच कर दिया गया था

मिली जानकारी के अनुसार अपने आप को थाना प्रभारी से भी बढ़ के बताते है ड्यूटी के दौरान भी कभी वर्दी नही पहनते?

शूत्रो की माने तो जो शराब पकड़ी गई है वो शराब चंदेह निवासी विपिन शर्मा पिता विनायक शर्मा एवम बेल्हा निवासी अभिमन्यु सिंह उर्फ मनू की है जिनका अगर काल डिटेल खंगाला जाया तो मनीष के साथ इनकी साथ गांठ का पता लग जाए !

 

वो तो आने वाले समय पर पता चलेगा। लेकिन नईगढ़ी की जनता को आरक्षक मनीष के इस क्त्य से पुलिस विभाग से भरोसा उठ गया।

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