उधर, गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक नरसिंहपुर में 137, पचमढ़ी में 68, सिवनी में 60, उमिरया में 48, सतना में 34, सागर में 29, रायसेन में 28, छिंदवाड़ा में 26, नर्मदापुरम में 25, जबलपुर में 17.4, शिवपुरी में 17, मलाजखंड में 16, खजुराहो में 15.4, मंडला में 15, रीवा में 11, भोपाल में 10.2, ग्वालियर में 9.4, बैतूल में आठ, दमोह में सात, नौगांव एवं गुना में चार, सीधी में तीन, खंडवा में दो, इंदौर में 0.3, उज्जैन में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई।

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मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अति कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बना हुआ है। मानसून द्रोणिका अमृतसर, करनाल, मेरठ, हमीरपुर, उत्तरी छत्तीसगढ़ पर बनी मौसम प्रणाली से होकर बालासोर होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि अति कम दबाव के क्षेत्र के काफी मंद गति से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने हुए उत्तर-पूर्वी मप्र और उससे लगे दक्षिणी उत्तर प्रदेश पर पहुंचने के आसार हैं। इन दो मौसम प्रणालियों के असर से शुक्रवार-शनिवार को प्रदेश के अधिकतर जिलों में अच्छी वर्षा होने की संभावना है।