भाजपा प्रत्याशी सेमरिया के पी त्रिपाठी के करीबी मनीष शुक्ला सिद्धू ने फिर मचाया आतंक, पूर्व सरपंच को ही बनाया अपना निशाना

चुनाव के पहले माहौल खराब करने की कोशिश, घटना की रिपोर्ट चोरहटा थाना में दर्ज
हैंड पंप सुधरवाने की पहल करना महंगा पड़ गया पूर्व सरपंच मनोज शुक्ला को

रीवा। 17 नवंबर को विधानसभा के चुनाव होने हैं, आचार संहिता लागू है, उसके बावजूद भी अपराध जगत से जुड़े और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त लोगों का इसका कोई डर भय नहीं है।
इसके पीछे की मुख्य वजह यह भी है कि संबंधित थानों में भी राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कर्मचारी पदस्थ है।
आज एक मामला चोरहटा थाना क्षेत्र में सामने आया है, जहां बरवाह निवासी पूर्व सरपंच मनोज शुक्ला के ऊपर सीईओ कांड सिरमौर से जुड़े और अपराध जगत में चर्चित मनीष शुक्ला उर्फ सिद्धू ने अपने साथियों के साथ हमला किया ।

इस हमले की जो वजह सामने आईं है उसके अनुसार गांव का हैंडपंप खराब था, जिसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने पूर्व सरपंच मनोज शुक्ला से की थी, मनोज शुक्ला की गलती यह थी कि उन्होंने विभाग को फोन लगाकर हैंडपंप सुधारने की बात कही, जिसकी जानकारी लगते ही मनीष शुक्ला उर्फ सिद्धू अपने चार अन्य साथियों के साथ पहुंचा और पूर्व सरपंच के ऊपर हमला कर दिया। इसकी वजह यह बताई गई कि उसे यह डर था कि अगर पूर्व सरपंच के कहने पर हैंड पंप का सुधार हो गया तो इसका वर्चस्व खत्म हो जायेगा और जनता पूर्व सरपंच के कहने पर न वोट दे दे। यही कारण था कि आरोपी ने पूर्व सरपंच के ऊपर हमला किया जिससे पीड़ित की आंख में गंभीर चोट आई है।

गौर तलब है कि सीईओ कांड में भी आरोपी ने सीईओ सिरमौर के आंख पर ही हमला किया था, जिनकी एक आंख गंभीर रूप से जख्मी हुई थी। पीड़ित ने आरोप लगाया कि आरोपी जान से मारने की धमकी दिया है, उन्हें शंका है कि शिकायत होने के बाद उनके ऊपर कोई गंभीर घटना घटित हो सकती है, क्योंकि मनीष शुक्ला उर्फ सिद्धू अक्सर धमकियां देने के बाद हमला करता है।
इस मामले में एक बड़ा तथ्य यह भी है कि एक और जिला निर्वाचन अधिकारी और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा लगातार ऐसे अपराधियों के खिलाफ जिला बदर की कार्यवाही की जा रही है वहीं दूसरी ओर बड़ी-बड़ी घटनाओं मैं आरोपी रहे लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है क्योंकि उन्हें सत्ता पक्ष का संरक्षण प्राप्त है।

पीड़ित ने लगाया आरोप

पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि क्षेत्र के कई लोगों का जिला बदर किया गया ,लेकिन भाजपा प्रत्याशी केपी त्रिपाठी और रीवा भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र शुक्ल का संरक्षण होने के चलते आरोपी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई,जबकि यह शातिर अपराधी है। सबसे बड़ी बात यह है की चोरहटा थाने का जो प्रधान आरक्षक ओपी तिवारी है, वह इसी थाना क्षेत्र के पुरैनी का रहने वाला है, जिसके घर में भाजपा की राजनीतिक कार्यक्रमो का आयोजन किया जाता है । संबंधित पीड़ित का कहना था कि जिस थाने का प्रधान आरक्षक भाजपा के कार्यक्रमों का आयोजन करवाता हो, वहां भाजपाइयों के खिलाफ कैसे कार्यवाही हो सकती है। खासकर जब निवर्तमान विधायक केपी त्रिपाठी का संरक्षण मिला हो।

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