Population Day : रीवा में जनसंख्या की रफ्तार बढ़ी, हर दिन 145 बच्चे हो रहे पैदा
बीते पांच साल में पौने तीन लाख बच्चे पैदा हुए तो 85 हजार लोगों की हुई मौत
रीवा। समय के साथ जनसंख्या बढऩे की रफ्तार रीवा जिले में तेज हुई है। बीते कुछ वषोज़्ं के अंतराल में यहां औसत हर दिन 145 बच्चों का जन्म हो रहा है। जनसंख्या नियंत्रण के तमाम उपायों के बाद भी हर दिन इस तरह से बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय बनी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जिस गति से जनसंख्या बढ़ रही है, उसी गति से विकास की रफ्तार भी बढऩा चाहिए। अन्यथा असंतुलन होते ही जिला का काफी पीछे चला जाएगा।
बीते कुछ वर्ष के अंतराल में रीवा शहर के साथ ही जिले के दूसरे हिस्सों में विकास बढ़ा है। मूलभूत सुविधाओं के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार एवं अन्य क्षेत्रों में बढ़ोत्तरी की जरूरत है। बीते करीब पांच वषोज़्ं में हुई जनसंख्या वृद्धि के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो करीब 2.78 लाख बच्चे पैदा हुए हैं। इसके साथ ही संभागीय मुख्यालय होने की वजह से बड़ी संख्या में यहां पर लोग शिक्षा, रोजगार एवं अन्य कारणों से आ रहे हैं। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार की ओर से कायज़्क्रम चलाए जा रहे हैं। लोगों में जागरुकता तो आई है फिर भी जनसंख्या की जो रफ्तार है वह चिंता बढ़ाती है।
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार रीवा की जनसंख्या 23,65,106 जिसमें पुरुषो की संख्या 12,25,100 और महिलाओ की संख्या 11,40,006 है। 2001 की जनगणना के अनुसार इस 2011 की जनगणना में 19.86 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अब नए सिरे से जनगणना का कायज़् होना है। ऐसे में जनसंख्या वृद्धि की गति और तेज होने का अनुमान है। रीवा जिले में रहने का घनत्व 375 लोग प्रति किलोमीटर वगज़् है जबकि 2001 में यह दर 313 व्यक्ति प्रति किलोमीटर वगज़् था।
अनुपात 1000 लड़कों में 926 लड़कियों का अनुपात 2011 में रहा। रीवा में शिक्षित लोगो की प्रतिशत 71.62 हैं।
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परिवार नियोजन के अभियान हो रहे धीमे
कुछ साल पहले तक जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन कायज़्क्रम सरकार की ओर से अभियान के रूप में चलाया जा रहा था। बीते कई वर्ष से इसकी रफ्तार रीवा जैसे बड़े जिलों में कमजोर होती जा रही है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लोगों के मन में जनसंख्या नियंत्रण के प्रति सकारात्मक प्रभाव नहीं है। इसके लिए नियमित जागरुकता के कायज़्क्रम चलाने होंगे।
VIDEO : CM SHIVRAJ को 2 लाख महीना जाता है REWA RTO की अवैध वसूली से ?
रीवा जिला
– वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 23.65 लाख।
– वतज़्मान में 26.61 लाख, जिसमें महिलाएं 12.77 लाख और पुरुष 13.83 लाख हैं।
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परिवार नियोजन के अभियान हो रहे धीमे
कुछ साल पहले तक जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन कायज़्क्रम सरकार की ओर से अभियान के रूप में चलाया जा रहा था। बीते कई वर्ष से इसकी रफ्तार रीवा जैसे बड़े जिलों में कमजोर होती जा रही है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब भी लोगों के मन में जनसंख्या नियंत्रण के प्रति सकारात्मक प्रभाव नहीं है। इसके लिए नियमित जागरुकता के कायज़्क्रम चलाने होंगे।
VIDEO : CM SHIVRAJ को 2 लाख महीना जाता है REWA RTO की अवैध वसूली से ?
रीवा जिला
– वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 23.65 लाख।
– वतज़्मान में 26.61 लाख, जिसमें महिलाएं 12.77 लाख और पुरुष 13.83 लाख हैं।
पांच साल में ऐसे बढ़ी जिले की जनसंख्या
वर्ष—- जन्म—मृत्यु
2018—47129—–13283
2019—51255—14856
2020—-49139—-14782
2021— 52355—-19724
2022—-53283—16034
2023(30 जून तक)— 24952—7229
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कुल— 278113—–82508
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Indore ,Rewa ,Umariya सहित 6 जज टर्मिनेट मचा हड़कंप
बढ़ती जनसंख्या में ये इंतजाम भी जरूरी
– शहरों के साथ गांवों में शिक्षा और स्वास्थ्य की पयाज़्प्त व्यवस्थाएं ताकि बढ़ती जनसंख्या के अनुसार लोगों को सुविधाएं मिल सकें।
– रोजगार के अवसरों में वृद्धि की जरूरत है, ताकि जीवकोपाजज़्न की समस्या नहीं हो। बढ़ती जनसंख्या की वजह से ही रीवा जिले से करीब पांच लाख से अधिक लोग दूसरे शहरों में रोजगार के लिए गए हैं।
वर्ष—- जन्म—मृत्यु
2018—47129—–13283
2019—51255—14856
2020—-49139—-14782
2021— 52355—-19724
2022—-53283—16034
2023(30 जून तक)— 24952—7229
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कुल— 278113—–82508
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Indore ,Rewa ,Umariya सहित 6 जज टर्मिनेट मचा हड़कंप
बढ़ती जनसंख्या में ये इंतजाम भी जरूरी
– शहरों के साथ गांवों में शिक्षा और स्वास्थ्य की पयाज़्प्त व्यवस्थाएं ताकि बढ़ती जनसंख्या के अनुसार लोगों को सुविधाएं मिल सकें।
– रोजगार के अवसरों में वृद्धि की जरूरत है, ताकि जीवकोपाजज़्न की समस्या नहीं हो। बढ़ती जनसंख्या की वजह से ही रीवा जिले से करीब पांच लाख से अधिक लोग दूसरे शहरों में रोजगार के लिए गए हैं।
– शहर में आवासीय सुविधाओं का विस्तार जरूरी है। रीवा में पयाज़्प्त आवासीय कालोनियां नहीं होने की वजह से मकानों का किराया अधिक देना पड़ रहा है।
– पेयजल के संसाधनों में भी जनसंख्या के अनुमान के अनुसार वृद्धि की जरूरत है। हालांकि अमृत योजना के द्वितीय चरण में इसको ध्यान में रखा गया है।
– शहरों में हर तरह के बाजार के विस्तार की जरूरत है। जनसंख्या बढ़ रही है और समय के अनुसार जरूरतें बढ़ रही हैं तो मांग के अनुरूप बाजार का होना जरूरी है।
– पेयजल के संसाधनों में भी जनसंख्या के अनुमान के अनुसार वृद्धि की जरूरत है। हालांकि अमृत योजना के द्वितीय चरण में इसको ध्यान में रखा गया है।
– शहरों में हर तरह के बाजार के विस्तार की जरूरत है। जनसंख्या बढ़ रही है और समय के अनुसार जरूरतें बढ़ रही हैं तो मांग के अनुरूप बाजार का होना जरूरी है।