उच्च शिक्षा विभाग के नियमों की धज्जियां उड़ा रही टीआरएस प्राचार्य
मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा प्रयोगशाला तकनीशियन के लिए स्पष्ट आदेश जारी किया गया था कि कोई भी प्रयोगशाला तकनीशियन को महाविद्यालय में कोई अन्य जिम्मेदारी ना दी जाए उच्च शिक्षा के इस आदेश में स्पष्ट लेख है कि प्रयोगशाला तकनीशियन को लिपिक व लेखापाल का कार्य किसी भी हालत में न दिया जाये वही टीआरएस कॉलेज की प्राचार्य डाॅ. अर्पिता अवस्थी ने शासन के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए चंद्रकांत मिश्रा प्रयोगशाला तकनीशियन को महाविद्यालय के मुख्य लिपिक का प्रभार सौंपा गया है। जबकि चन्द्रकान्त मिश्रा द्वारा वेतन प्रयोगशाला तकनीशियन का लिया जा रहा है। वही जब से महाविद्यालय में नियुक्ति हुई है तब से आज दिनांक इनके द्वारा लैब का कोई कार्य नही कराया जा रहा है।
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डाॅ. अर्पिता अवस्थी अपनी मनमानी के लिए जानी जाती हैं और इनके ऊपर उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा कोई भी कार्यवाही आज दिनांक तक नहीं की गई अभी हाल ही में कुछ दिनों पूर्व इनकी सर्विस बुक गायब हो गई थी जिसकी शिकायत पूर्व प्राचार्य डॉक्टर के के शर्मा ने विभाग को लिखित शिकायत की थी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इनके प्राचार्य बनते ही इनकी सर्विस बुक कार्यालय से बरामद हो जाती है जबकि पूर्व में उसी कार्यालय में लिपिको द्वारा सेवापुस्तिका की छानबीन की गयी थी लेकिन कार्यालय के किसी भी शाखा में सेवापुस्तिका उपलब्ध नही थी। और जैसे ही ये प्राचार्य के प्राभार मे आई उसी दिन इनकी सेवापुस्तिका कार्यालय मे प्राप्त हो जाती है। आखिर सबसे बडा सवाल यह उठता है कि टी.आर.एस. कालेज की प्राचार्य डाॅ. अर्पिता अवस्थी की सेवापुस्तिका इतने दिनो तक कहा थी यह तो जांच का विषय है ।
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तीन साल बाद एडी डाॅ. पंकज श्रीवास्तव के द्वारा डाॅ. अर्पिता अवस्थी का लघुकृत अवकाश स्वीकृत किया गया। सवाल यह उठता है कि जब सेवापुस्तिका एडी आफिस कभी गयी ही नही है तो इनके अवकाश कैसे स्वीकुत कर दिये। वही सबसे बडा सवाल यह भी उठता है कि स्वीकृत किये आदेश को तीन बर्ष तक एडी कहा रखे रह गये मिली जानकारी के अनुसार एडी कार्यालय मे किसी को भी नही थी।
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आपको यह बता दे कि महाविद्यालय में वर्तमान सत्र की परीक्षा नहीं हुई है और प्राचार्य के द्वारा सभी जनभागीदारी/स्ववित्तीय शिक्षक व श्रमिको को प्राचार्य के द्वारा बाहर का रास्ता दिखा दिया गया जबकि पूरे मध्यप्रदेश में कहीं भी किसी को बाहर नहीं किया गया है क्या डाॅ. अर्पिता अवस्थी पूर्ण रूप से सफेदपोश नेता की मेहरवानी से मनमानी पर उतारू हैं या फिर माॅमला कुछ और ही है?
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टी.आर.एस. कालेज रीवा में लगभग प्राचार्य सहि त प्राध्यापक 20 वर्षो से लगातार अंगद की तरह इसी कालेज में पाव जमाकर बैठे है। सबसे बडा सवाल यह है कि आखिर उच्च शिक्षा विभाग इन प्राध्यापको को दूसरी जगह क्यो नही स्थानान्तरित करता है?