तो क्या बीजेपी 50 सीटों पर सिमट जायेगी? VD शर्मा के लड़कपन वाले फैसलों ने संगठन को निष्क्रिय !
वीडी शर्मा का दो वर्षीय कार्यकाल कुछ समय पहले ही खत्म हो चुका है और शर्मा को शीर्ष नेतृत्व में नया प्रदेश अध्यक्ष न मिलने की स्थिति में अध्यक्ष पद का दायित्व अतिरिक्त रूप से दे रखा था। लेकिन विधानसभा चुनाव के ठीक पहले पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के उद्देश्य के साथ भाजपा आलाकमान इस परिवर्तन को लेकर तैयारी में जुट गया है।
प्रदेश अध्यक्ष शर्मा को हटाये जाने को लेकर जो कारण बताये जा रहे हैं उनमें प्रमुख कारण है कि वीडी शर्मा से कार्यकर्ता बुरी तरह से खफा है। इसकी शिकायत बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष तक से की है। बताया जा रहा है कि कुछ मजबूरी में बीजेपी हाईकमान वीडी शर्मा को हटा नहीं पा रहा है। लेकिन अब स्थितियां ऐसी बन गई हैं कि जल्द ही शर्मा को हटाया जा सकता है। शर्मा के कार्यकाल में मध्यप्रदेश से संगठन लगभग खत्म हो गया है।
शर्मा के लड़कपन वाले फैसलों ने संगठन को निष्क्रिय बना दिया है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में संगठन की पकड़ कमजोर हुई है। राजनीतिक जानकारों का तो यहां तक कहना है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो 2023 के विधानसभा में बीजेपी 50 सीटों पर सिमट जायेगी। इसके साथ ही यह बात भी सत्य है कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के इतिहास में सबसे खराब निर्णयों के लिए जाना जायेगा। अभी हाल ही में बीजेपी संगठन में बदलाव किये हैं। इस बदलाव में कई ऐसी नियुक्तियां हैं जिनमें शर्मा ने अपनी चलाई है और कम तजुर्बोकारों को जगह दिलाई गई है। अपने कार्यकाल के दौरान वीडी शर्मा ने केवल अपने संसदीय चुनावी क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को पार्टी के प्रमुख पदों पर अधिक महत्व दिया। यही नहीं छोटे-छोटे शहरों के अनुभवहीन कार्यकर्ताओं को जिस तरह से वो पार्टी के प्रमुख जिम्मेदारियों से जोड़ने का काम कर रहे हैं उससे पार्टी आलाकमान पूरी तरह से खफा है।
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प्रदेश अध्यक्ष का सबसे प्रमुख काम होता है सत्ता और संगठन में बेहतर तालमेल बिठाना। लेकिन वीडी शर्मा के साथ इसके बिल्कुाल उलट है। विश्वरस्त सूत्रों की मानें तो वीडी शर्मा की मुख्यंमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, बीजेपी के राष्ट्री य महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेन्द्र पाराशर सहित संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मनमुटाव चल रहा है।