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सीधी हनी ट्रैप मामले में पुलिस अधिकारी को बड़ी राहत, एफ आई आर समेत पूरी विवेचना प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक।

सीधी। पुलिस अधिकारी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला के पूर्व प्रकरणों के सामने आने की बात पर परिस्थितियों को संदिग्ध मानते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने पुलिस अधिकारी को राहत दी है इस दौरान माननीय उच्च न्यायालय ने पुलिस अधिकारी के विरुद्ध दर्ज एफ आई आर समेत पूरी विवेचना प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा पुलिस अधिकारी की पत्नी और पुलिस अधिकारी द्वारा लगाई गई याचिका पर 7 फरवरी 2021 को ही पुलिस को निर्देशित किया गया था कि वह पुलिस अधिकारी के परिवार को सुरक्षा दे और मामले की निष्पक्ष जांच करें लेकिन 2 साल बीत जाने पर भी उक्त मामले में किसी भी प्रकार की जांच नहीं हो पाई अलबत्ता उक्त याचिका में जिस बात की आशंका पुलिस अधिकारी द्वारा जताई गई थी वही हुआ

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सीधी पुलिस जांच करती रह गई और रीवा में जीरो पर पुलिस अधिकारी के विरुद्ध दुष्कर्म का मामला दर्ज हो गया। उक्त कार्यवाही के बाद पुलिस अधिकारी द्वारा पुनः माननीय उच्च न्यायालय की शरण ली गई जिस पर माननीय उच्च न्यायालय ने पूरे मामले को संदिग्ध मानते हुए एफ आई आर और मौजूदा विवेचना पर रोक लगा दी है।
शिकायतकर्ता महिला को उल्टा पड़ता दिख रहा दाव।

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शिकायतकर्ता महिला के विरुद्ध लगातार जो साक्ष्य सामने आ रहे हैं वह चौकानेवाले हैं महिला द्वारा 19 लोगों पर अब तक झूठे आरोप लगाए जाने की बात सामने आई है जिसमे समझौता भी कर लिया गया इन मामलों में सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि महिला द्वारा दर्ज कराई गई प्रत्येक एफ आई आर में उसकी पहचान और जन्मतिथि अलग-अलग बताई गई है दस्तावेजों की जांच के बाद महिला के ऊपर भी बहुत जल्द कार्रवाई हो सकती है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता राकेश द्विवेदी एवं अमिताभ गुप्ता द्वारा पैरवी की गई।

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