दिल्ली : भारत चीन के रिश्ते बिलकुल नाज़ुक स्तिथि में है, चीन लगातार भारत को घेरने की चल चलता रहता है । हाल ही में खबर आ रही है की भूटान के ऊपर डोकलाम मुद्दे को लेकर दबाव डाल रहा है। पिछले दिनों चीन ने अरुणाचल प्रदेश के 11 स्थानों के नाम बदले थे और हाल ही में हिंद महासागर क्षेत्र में नौ जगहों के नाम बदले है। ऐसे में जानकर कह रहे है भारत या तो युद्ध के मुहाने में जा रहा है अथवा रिस्ता मित्रवत नहीं रहेगा।
डोकलाम मुद्दे को लेकर भूटान पर चीन का भारी दबाव
दा इकनोमिक टाइम्स के अनुसार डोकलाम मुद्दे को लेकर चीन भूटान पर भारी दबाव बना रहा है चूकि चीन की नज़र भारत के पूर्वोत्तर राज्यों पर है । चीन सिलीगुड़ी कॉरिडोर को काटकर seven sisters को अलग करना चाहता है। चीन न केवल भारत को आर्थिक क्षति पहुंचना चाहता है बल्कि राजनीतिक रूप से भी कमजोर कर रहा है चाहे वो अरुणाचल का मुद्दा हो अथवा हिन्द महासागर का ।
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अरुणाचल के बाद अब चीन ने हिंद महासागर क्षेत्र में नौ जगहों के नाम बदले
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) ने मार्च के अंत में रिपोर्ट के अनुसार चीनी संगीत वाद्ययंत्रों के बाद हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में पांच सीबेड सुविधाओं का नाम दिया। यह कदम चीन द्वारा पिछले सप्ताह अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों का नाम बदलने के बाद उठाया गया है।चीन ने पहले ‘हिंद महासागर’ शब्द पर ही आपत्ति जताई थी और कहा था कि हिंद महासागर भारत का महासागर नहीं है।
चीन के मॉडल गांवों का मुकाबला करने के लिए भारत LAC के पास बुनियादी ढांचा विकास कर रहा है
विकास से परिचित लोगों ने कहा कि चीन के तथाकथित मॉडल गांवों या वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब जिओकांग के जवाब के रूप में भारत नागरिक-सैन्य साझेदारी के माध्यम से अरुणाचल प्रदेश में सीमावर्ती गांवों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित कर रहा है।यह विचार न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और सीमावर्ती गांवों से शहरों की ओर पलायन को रोकने के लिए है, बल्कि ऐसे समय में सीमा के पास भारत के प्रभुत्व पर जोर देने के लिए भी है, जब LAC पर अस्थिरता है।