PM AWAS : पीएम आवास की राशि खा गए, अब 120 लोगों की संपत्ति होगी कुर्क

 

सख्ती: प्रमुख सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में दिया निर्देश

रीवा। प्रधानमंत्री आवास योजना के बीएलसी घटक की राशि लेने के बाद भी लोगों ने मकान नहीं बनाए, जिसके चलते उन्हें अगली किस्त जारी नहीं की जाएगी। साथ ही शहर के ऐसे हितग्राहियों को चिह्नित किया गया है, जिनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के साथ ही उनकी संपत्ति से कुर्की की जाएगी।




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लगातार कई महीने से प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं आयुक्त नगरीय प्रशासन की ओर से नगर निगम को निर्देश दिए जाते रहे हैं। अब प्रमुख सचिव ने कहा है कि सख्ती के साथ कार्रवाई की जाए। वर्ष 2019 में जिन हितग्राहियों को अपनी भूमि पर मकान बनाने के लिए राशि दी गई थी। उन्होंने मकान नहीं बनाया बल्कि उक्त राशि से दूसरे कार्य कर डाले और पूरी राशि खर्च होने के बाद अब असमर्थता जाहिर कर रहे हैं।





इसकी समीक्षा के दौरान प्रमुख सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिन हितग्राहियों के अब तक मकान नहीं बन पाए हैं और उन्हें राशि पहले जारी हो चुकी है। उन्हें नगर निगम चिह्नित कर एफआइआर दर्ज कराए और जो राशि उन्हें दी गई है उसकी कुर्की के लिए चल और अचल संपत्ति चिह्नित कर वसूली कराएं। आदेश के बाद नगर निगम प्रशासन सकते में है, क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों पर एफआईआर कराना मुश्किलों भरा काम हो जाएगा। राजनीतिक दबाव की वजह से यह कार्रवाई कर पाना मुश्किल है।

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जिनके पास कुछ नहीं उनके प्लाट होंगे कुर्क

शहर में प्रधानमंत्री आवास योजना के बीएलसी घटक के तहत जिन लोगों ने राशि शासन से ली है उसमें अधिकांश कमजोर तबके के लोग हैं। इनके पास दूसरी चल-अलच संपत्तियां नहीं हैं। इस कारण प्रमुख सचिव ने कहा है कि जहां पर ऐसी परिस्थितियां निर्मित हों वहां पर संबंधित के प्लाट ही कुर्क करने की कार्रवाई करते हुए एक लाख रुपए की वसूली करें। आवास बनाने के लिए राशि स्वीकृत करने आवेदन के साथ लोगों ने अपनी भूमि से जुड़े पूरे दस्तावेज निगम कार्यालय को दिए हैं इस कारण प्लाट से कुर्की करना अधिक मुश्किल कार्य नहीं होगा।




मैदानी अमले ने निगरानी नहीं की

नगर निगम के प्रधानमंत्री आवास योजना में काम कर रहे अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका भी सवालों में है। क्योंकि मुख्यमंत्री के स्तर पर भूमि पूजन का कार्य कराए जाने के बाद निगम अधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि वह मौके पर पहुंचकर ले-आउट तैयार कराएं और कार्य प्रारंभ कराएं। करीब तीन वर्षों से राशि जारी होने के बाद निगम के जिम्मेदार अधिकारी और मैदानी अमले के कर्मचारी उदासीन रहे। शुरुआत से ही कार्य प्रारंभ कराए जाने की निगरानी होती तो इतनी बड़ी संख्या में लोगों के विरुद्ध एफआईआर कराने और कुर्की जैसी स्थितियां निर्मित नहीं होती।




4512 लोगों को जारी की गई थी राशि

नगर निगम ने बीएलसी घटक के तहत शहर के 4512 लोगों को राशि जारी करवाई है। जिसमें 120 ऐसे लोग चिह्नित किए हैं जिन्हें पहली किस्त के एक-एक लाख रुपए मिल चुके हैं और उनकी ओर से मकान बनाने की शुरुआत ही नहीं की गई है। वहीं कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने राशि पाने के बाद कार्य तो शुरू करा दिया था लेकिन पिलर कराने के बाद आगे काम नहीं कराया है। इन लोगों से 1.20 करोड़ रुपए की वसूली कराने के लिए नगर निगम को कुर्की करनी होगी।

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