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रीवा में अंधविश्वास का खेल, 4 साल के मृत बच्चे को पूजा से दोबारा जीवित करने का प्रयास

गुढ़ थाना क्षेत्र स्थित भीटी गांव के रहने वाले है आदिवासी परिवार

 

रीवा। जिले के सगरा थाना क्षेत्र के बक्षेरा गांव से अंधविश्वास का अनोखा दृश्य देखने मिला है. जहां देवी मंदिर में 1 माह पूर्व मृत हुए 4 साल के बच्चे को दोबारा जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है. जिसके लिए सैकड़ों ग्रामीण गांव में स्थित कुल देवी के मंदिर में बैठकर पूजा अर्चना कर रहे हैं. ग्रामीणों की माने तो मृत बच्चे के परिजनों के सपने में देवी ने आकर बच्चे को जीवित करने का वरदान दिया है. इसलिए वह पूजा कर रहे हैं. एक माह पहले मृत्यु के बाद बच्चे को दफना दिया गया था.

एक माह पहले हुई थी बच्चे की मौत

रीवा जिले के गुढ़ थाना क्षेत्र स्थित भीटी गांव के रहने वाले आदिवासी परिवार के 4 वर्षीय बच्चे की बीमारी के कारण एक महीने पूर्व मौत हो गई थी. बच्चे का संजय गांधी अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उसने दम तोड़ दिया था. बच्चे को गांव में लाकर दफना दिया गया था. अब परिवार वाले दावा कर रहे हैं कि उन्हें देवीमाता ने सपने में पुत्र के जीवित होने का वरदान दिया है. जिसके लिए वह माता के कहे अनुसार गांव से 20 किलोमीटर दूर सगरा थाना क्षेत्र के बक्षेरा गांव में स्थित कुलदेवी की उपासना में लग गए. जहां पर सैकड़ों की तादात में लोग उपस्थित हैं.




देवी मां ने कहा चरणों में रखो कब्र की मिट्टी जीवित होगा बेटा

बताया जा रहा है कि देवी माता ने परिजनों के सपने में आकर कहा कि ”जहां पर बच्चे को दफन किया गया है वहां से उसके शरीर की मिट्टी लाकर कुलदेवी मंदिर में माता की चरणों पर रख दो. परिवार वाले कब्र से लाल कपड़े में मिट्टी बांधकर लाए और देवी माता के चरणों में रख दिया. परिजनों का दावा है कि मिट्टी एक फूल में और फिर फूल हड्डी में परिवर्तित हो गया. अब इसमें जान आने का इंतजार किया जा रहा है.



कुल देवी मंदिर में अंधविश्वास का अनोखा दृश्य

मिट्टी के एक हड्डी में बदल जाने के बाद 10 दिनों तक अपने घर में ही पूजा-अर्चना की. उसके बाद गुरुवार की शाम परिजन और तमाम ग्रामीण एकत्रित होकर कुल देवी के मंदिर पहुंच गए और पूजा पाठ शुरू कर दिया. जहां अब मृत हुए बच्चे को जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है. मामले की जानकारी मिलने पर मीडिया की टीम रात तकरीबन 12 बजे बक्षेरा गांव पहुंच गई. मौके पर पहुंच कर मीडिया ने जो नजारा देखा तो चौका देने वाला था. जिस कुल देवी के मंदिर में बैठकर ग्रामीण पूजा अर्चना कर रहे हैं. टोकरी के नीचे हड्डी के टुकड़े को रखकर लोग देवी की उपासना में लीन थे.



मृत बच्चे की मामी पर सवार हुईं देवी मां

इस दौरान जब मीडिया ने परिवार से बातचीत का प्रयास किया गया तो कैमरे के सामने ही मृत बच्चे की मामी अनीता कोल ने खुद के ऊपर ही देवी सवार होने का दावा कर दिया और जोर जोर से चिल्लाने लगी. मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चा पुनः जीवित होगा. लेकिन जब उनसे यह सवाल किया गया की मृत बच्चा कब तक जीवित होगा तो वह नाराज हो गई।

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