बिहार न्यूज़ : तेजस्वी यादव ने ये क्या कर दिया बिहार में, मोदी जी कुछ तो शर्म करो!

तेजस्वी यादव न्यूज़ : बिहार कैबिनेट द्वारा एक ही दिन में लगभग ढाई लाख नौकरी का किया गया एलान

पटना :- बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष द्वारा एक ही दिन में कैबिनेट द्वारा शिक्षक और पुलिस के लिए क्रमशः 1.78 लाख एवं 75000 नौकरियों को मंजूरी दी गई है, जिसकी जानकारी बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi yadav) ने ट्वीट करके दी। आपको बता दे जब पूरे देश में महंगाई एवं बेरोजगारी नामक डायन पूरे समाज को खाए जा रही है ठीक उसी तरह बिहार राज्य से राहत देने वाली खबर आ रही है हालांकि इससे देश के अन्य क्षेत्रों के युवक युवतियों को लाभ तो नहीं मिलेगा किंतु संबंधित सरकारे नीतीश कुमार(Nitish kumar) एवं तेजस्वी यादव(Tejashwi yadav) से  कुछ सीख सकते हैं।

राजनीति के बदलते मुद्दे:-

जहां देश में एक तरफ धार्मिक उन्माद को फैलाकर संप्रदायिकता के मुद्दे पर चुनाव लड़े जा रहे हैं वही  बिहार राज्य में बेरोजगारी एवं महंगाई को स्पष्ट मुद्दा बनाया गया है आपको बता दें रोजगार के लिए  पलायन बिहार का एक प्रमुख मुद्दा रहा है इसके काट के रूप में बिहार सरकार ने बिहार के अंदर ही रोजगार उपलब्ध कराने के अपने वादे पर खरे उतरने के लिए एक ही दिन में लगभग ढाई लाख पदों का सृजन किया है।

कभी आमने सामने थे नितीश तेजस्वी यादव :-

2020 विधानसभा चुनाव में एक तरफ एनडीए गठबंधन के प्रमुख नीतीश कुमार(Nitish kumar) तथा दूसरी तरफ आरजेडी के प्रमुख तेजस्वी यादव(Tejashwi yadav) आमने-सामने थे परंतु NDA से गठबंधन टूटने के बाद नितीश कुमार तेजस्वी के हो लिए एवं प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने लगे।

अतीक-अशरफ की हत्या से CM योगी नाराज, DGP और ADG को किया तलब

प्रधानमंत्री का सपना देख रहे हैं नीतीश बाबू:-

जब से एनडीए गठबंधन से नीतीश कुमार (Nitish kumar)ने अपना किनारा किया है तब से उन्होंने कई संकेत दिए हैं कि वह अब केंद्र की राजनीति में सक्रिय होना चाहते हैं चाहे वह बंगाल में ममता जी से भेंट हो या अखिलेश जी से या दक्षिण में केसीआर से उनका कहना है कि वर्तमान बिहार राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव(Tejashwi yadav) बिहार में अपना काम धाम देखेंगे तथा नितीश कुमार (Nitish kumar) अब केंद्र की ओर अपना रुख करेंगे।

देखना दिलचस्प होगा कि नितीश कुमार (Nitish kumar) के नेतृत्व में अखिलेश भइया, ममता दीदी  बीजेपी तथा कांग्रेस की मौजूदगी में तीसरा मोर्चा बनाने में कहां तक सफल रहते हैं तथा विपक्ष के नेताओं को एकजुट करने में अपनी भूमिका कहां तक निभा पाते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *