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REWA NEWS: अवैध हथकंडों से तराई अंचल में फलफूल रहा शिक्षा का व्यवसाय

डभौरा पनवार रामबाग अतरैला पटेहरा जवा में प्राइवेट स्कूलों की भरमार  कई ऐसे स्कूले हैं जिनका आठवीं के बाद नहीं है मान्यता बिना मान्यता के 12वीं तक संचालित हैं विद्यालय

जवा : अध्ययन और अध्यापन का भारतीय सनातन इतिहास में बहुत ही गौरवशाली स्थान रहा है। शिक्षा के बल पर ही भारत विश्व गुरु कहलाता था।  भारत में आधुनिक शिक्षा व्यवस्था ने जहाँ शिक्षक के सम्मान को विलोपित करने का काम रणनीतिकारों की सोची समझी रणनीति के तहत किया वहीं शिक्षा का व्यवसायीकरण करके धनार्जन का प्रमुख जरिया बना दिया। जिससे विद्यालय के नाम पर जगह-जगह दुकाने बिना तय मापदंड के खुलती चली गईं और सरकारी महकमा भी शिक्षा के भविष्य को दरकिनार कर कमाई का जरिया मान बैठा।

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इसी कड़ी में रीवा जिले के तराई अंचल में भी सैकड़ों विद्यालयों का बिना मापदंड के संचालन शुरू हुआ, शिक्षा विभाग का महकमा जिनकी इन पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी है उन्ही के संरक्षण में शिक्षा की दुकानों का वैध अवैध संचालन शिक्षा के व्यवसायियों द्वारा करने में मददगार नजर आता है। जवा तहसील में सैकड़ों की संख्या में संचालित अशासकीय विद्यालयों में  कुछ के अलावा छात्रों के बैठने की व्यवस्था तक नहीं है ना खेल मैदान है और ना योग्य शिक्षक है , अभिभावकों को फीस की आड़ में CBSC कोर्स के नाम से भी गोरखधंधा चलाया जा रहा है, जबकि CBSC की मान्यता शायद ही जवा तहसील में किसी भी विद्यालय को मिली हो।
वहीं जो CBSC  क्लास चलाने का झांसा अभिभावकों को दे रहे हैं वह विद्यालय संचालक शिक्षक रख रहे हैं 12वीं पास  जो शिक्षक स्वयं हिंदी माध्यम से पढ़े हैं वही अंग्रेज़ी माध्यम से शिक्षा देने की धोखाधड़ी छात्रों और उनके भविष्य के साथ कर रहे हैं।

मध्य प्रदेश सरकार के आदेशों का हो रहा उल्लंघन 

गौरतलब बात है कि मध्यप्रदेश शासन की गाइडलाइन है कि हर विद्यालय में प्राथमिक पाठशाला माध्यमिक पाठशाला हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी के अनुसार कमरे होने चाहिए और खेल का मैदान शौचालय एवं  BAD/DAD योग्यता के ही शिक्षक होने चाहिए लेकिन शासन के आदेश अनुसार किसी भी विद्यालय में शिक्षक एवं व्यवस्था नहीं है, फिर इन विद्यालयों को मान्यता कैसे मिली।

वहीं पर जिन विद्यालयों कीमान्यता नहीं है वो दूसरे विद्यालयों के साथ ज्वाइंट सिस्टम से विद्यालय संचालित कर मोटी रकम कमाने का जरिया बना रखे हैं।जब की मान्यता के लिए निर्धारण किया गया है कि किसी तहसील क्षेत्र में जनसंख्या के आधार पर विद्यालयों को मान्यता दिया जाए लेकिन यहां पर 2 या 3 कमरों में ही विद्यालय संचालित है उनके पास कोई भी व्यवस्था ना होने के उपरांत भी विद्यालय बिना मान्यता के धड़ल्ले के साथ संचालित हैं जिसका निरीक्षण जनपद के अधिकारियों को करके कार्यवाही करना चाहिए परंतु उनको संचालित करने में उनके द्वारा पूरी मदद की जा रही है इससे साफ जाहिर होता है कि शासन और प्रशासन दोनों आंख मूंदकर छात्र छात्राओं के साथ धोखा कर रहे है और फर्जीवाड़े को बढ़ावा दे रहे हैं ।

जवा तहसील अंतर्गत डभौरा पनवार रामबाग अतरैला पटेहरा जवा में प्राइवेट स्कूलों की भरमार है,जहां पर कई ऐसे स्कूले हैं जिनका आठवीं के बाद नहीं है मान्यता फिर भी खुलेआम 12वीं तक संचालित हो रही हैं क्यूकी  इन विद्यालयों को संचालित करने में प्रशासन की पुरजोर तरीके से मदद कर रहा है।

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