नीति आयोग के अधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह नें पेश किया मध्य प्रदेश 2023-24 का बजट
आपको बता दें की 19 मार्च दिन रविवार 2023 को अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के सभागार में मध्य प्रदेश के 2023-24 बजट का पेर्जेटेशन नीति आयोग के अधिकारी स्वतंत्र कुमार सिंह द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिसकी प्रमुख बिन्दु ये रहें —
- भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की बनाने हेतु राज्य द्वारा पूजीगत व्यय को बढ़ावा देने हेतु कुल बजट का लगभग 20 प्रतिशत प्रावधान रखा गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत है।
- ‘आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश’– बजट- 2023-24 को आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश को दृष्टिगत रखते हुए बजट में विभिन्न योजनाएँ मिशन मोड में तैयार की गई हैं।
- ‘जनता का बजट’– बजट तैयार करने हेतु जनता के सुझाव प्राप्त कर बजट में सम्मिलित करने का प्रयास किया गया है।
- वर्ष 2023-24 का बजट प्रथम बार ई-बजट के रूप में प्रस्तुत किया गया।
- कुल विनियोग की राशि 3,14,024,84 करोड़ रुपए, जो विगत वर्ष की तुलना में 12% अधिक है। कुल शुद्ध व्यय 81.553.62 करोड़ रुपए का प्रावधान।
- राजस्व आधिक्य 76 करोड़ रुपए।
- सकल राज्य घरेलू उत्पाद से राजकोषीय घाटे का 02% अनुमानित।
- अनुमानित राजस्व प्रातियाँ 2,25,709.90 करोड़ रुपए है, जिसमें राज्य के स्वयं के कर की राशि 499.98 करोड़ रुपए केंद्रीय करों में प्रदेश का हिस्सा 80,183.67 करोड़ रुपए, करेत्तर राजस्व 14,913.10 करोड़ रुपए एवं केंद्र से प्राप्त सहायता अनुदान 44,113.15 करोड़ रुपए शामिल।
- वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राज्य स्वयं के कर राजस्व में 11% की वृद्धि अनुमानित।
- वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-22 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राजस्व व्यय में 11% की वृद्धि अनुमानित।
- वर्ष 2023-24 में वर्ष 2022-23 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में पूंजीगत परिव्यय में लगभग 15% की वृद्धि अनुमानित।
- अनुमानित वर्ष 2023-24 में पूंजीगत परिव्यय राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4% अनुमानित।
- वर्ष 2023-24 में राजस्व आधिक्य राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 03%।
- वर्ष 2023-24 में व्याज भुगतान कुल राजस्व प्राप्तियों का 10%।
आमजनता को बजट प्रावधानों की जानकारी देने के लिए अनूठी पहल के रूप में बजट तथा आर्थिक सर्वेक्षण से संबंधित कार्यशाला का आयोजन अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के सभागार में किया गया। कार्यशाला का आयोजन अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, जिला प्रशासन तथा अटल बिहारी वाजपेयी, सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान द्वारा इसका आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ विधायक सेमरिया श्री केपी त्रिपाठी तथा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती नीता कोल ने किया। कार्यशाला में आर्थिक सर्वेक्षण तथा बजट प्रावधानों पर विस्तार से चर्चा की गयी। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती कोल ने कहा कि प्रदेश के बजट से विन्ध्य के विकास को गति मिलेगी। बजट में महिलाओं के सशक्तिकरण तथा सामाजिक विकास के लिए जो प्रावधान किये गये उसके अच्छे परिणाम निकलेंगे। कार्यशाला में विधायक सेमरिया केपी त्रिपाठी ने कहा कि बजट प्रदेश के विकास का आधार है। 2003 में प्रदेश का बजट केवल 26 हजार करोड़ का होता था। अब यह बजट 2 लाख 47 हजार करोड़ का हो गया है। कृषि पर्यटन, शिक्षा तथा उद्योगों में तेजी से विकास हुआ है। सही वित्तीय प्रबंधन और मुख्यमंत्री जी की गरीबों तथा महिलाओं के विकास की चिंता ने प्रदेश के समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। महिलाओं के कल्याण जनजातीय वर्ग के विकास, कृषि विकास, सड़कों के विकास और किसानों के कल्याण के लिए पर्याप्त राशि लगातार दी जा रही है। प्रदेश में 2003 में केवल 40 हजार किलो मीटर पक्की सड़के थी अब 4 लाख किलो मीटर से अधिक पक्की सड़के हैं।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार आचार्य ने कहा कि जन्म से लेकर मृत्यु के बीच हम जो गतिविधि करते हैं उनमें सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है। बजट आय व्यय के लेखा-जोखा ही नहीं सरकार के विकास का संकल्प है। जो सरकार सच्चे मन से जनता की सेवा करती है और पारदर्शिता से बजट बनाती है उसी में बजट को आमजनता के बीच लेकर जाने का साहस होता है। रीवा और मध्यप्रदेश बड़ी तेजी से विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश में पिछले 15 वर्षों में अन्य राज्यों की तुलना में अधिक विकास हुआ है। इसका प्रमाण आमजनता के जीवन स्तर में हुए परिवर्तन से परिलक्षित होता है।
कार्यशाला में नीति आयोग के सदस्य, सचिव तथा राज्य योजना आयोग के सचिव स्वंतत्र कुमार सिंह ने आर्थिक सर्वेक्षण तथा बजट प्रावधानों की बिन्दुवार जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण एक वर्ष की आर्थिक और सामाजिक गतिविधियों का विवरण है। इस वर्ष केन्द्रीय बजट के अनुरूप मध्यप्रदेश का आर्थिक सर्वेक्षण तैयार किया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण और बजट की पूरी जानकारी योजना आयोग की बेवसाइट पर उपलब्ध है। प्रत्येक आमजन विशेषकर विद्यार्थियों के लिए यह बहुत उपयोगी है। रीवा और विन्ध्य बहुत तेजी से विकास कर रहे हैं। बजट में भोपाल से सिंगरौली तक के लिए विन्ध्य एक्सप्रेस वे की घोषणा की गयी है। इससे विन्ध्य का तेजी से विकास होगा। इन्वेस्टर्स मीट में मालवा के बाद सर्वाधिक निवेश के प्रस्ताव विन्ध्य के लिए मिले हैं। रीवा में पिछले 20 वर्षों में कृषि, उद्योग, अधोसंरचना विकास, सांस्कृतिक विकास तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया है। रीवा के 20 वर्षों की विकास की सफलता की कहानी पूरी दुनिया को बतानी चाहिए। श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में 4 बड़े तालाबों को सी-प्लेन सेवा से जोड़ने का प्रस्ताव है। रीवा के गोविंदगढ़ तालाब को भी इसमें शामिल करने का प्रस्ताव रखा जायेगा।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में बजट के उचित प्रबंधन के परिणाम स्वरूप कई क्षेत्रों में विकास दिखाई दे रहा है। वर्ष 2011 में प्रति व्यक्ति आय 38497 रूपये थी जो 2023 में बढ़कर 65023 हो गयी है। बजट वर्ष 2001 में 16393 करोड़ का होता था जो 2023 में 247715 करोड़ हो गया है। ऋण के संबंध में राशि को लेकर कई बार बजट की आलोचना की जाती है। प्रदेश में ऋण और कुल जीडीपी का अनुपात 2005 में 39.5 प्रतिशत था 2020 में यह घटकर 22.6 प्रतिशत हो गया है। राज्य ने राजकोषीय अनुशासन का निरंतर पालन किया है। प्रदेश के वित्तीय प्रबंधन की रिजर्व बैंक द्वारा कई बार सराहना की गयी है।
कार्यशाला में श्री सिंह ने बजट तथा आर्थिक सर्वेक्षण में महिलाओं के कल्याण, युवाओं के कल्याण जनजातीय विकास कृषि विकास तथा किसानों के कल्याण, शिक्षा एवं स्वास्थ्य में निवेश, प्रदेश के सांस्कृतिक विकास के लिए, धार्मिक स्थलों के विकास, प्रदूषण मुक्त ग्रीन बजट के प्रावधानों, अधोसंरचना विकास के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने शहरी विकास, गांव के विकास पर्यटन प्रोत्साहन की योजनाओं उद्योगों के विकास, नई स्टार्टअप नीति, सुशासन के प्रयासों की जानकारी दी। कार्यशाला में अपर कमिश्नर छोटे सिंह ने कहा कि रीवा और विन्ध्य के लिए बाणसागर बांध वरदान साबित हुआ है। विन्ध्य में खनिज तथा वन संपदा, ऐतिहासिक स्थल, पर्यटन स्थल एवं बड़े उद्योग स्थापित हैं। कृषि के विकास में आमजनता के जीवन स्तर को बदल दिया है। कार्यशाला में कलेक्टर मनोज पुष्प ने कहा कि प्रदेश के बजट में रीवा और विन्ध्य क्षेत्र का विशेष ध्यान रखा गया है। रीवा में एयरपोर्ट निर्माण, औद्योगिक निवेश तथा सड़कें के विकास के लिए पर्याप्त राशि दी गयी है। रीवा ने कृषि विविधिकरण में 2 वर्षों में बहुत अच्छा कार्य किया है। रीवा में पर्यटन, कृषि आधारित उद्योग, लाजस्टिक तथा अन्य उद्योगों के विकास की प्रबल संभावना है। रीवा में निवेश के लिए आसपास के राज्यों में कार्यशाला करके उद्योगपतियों को आमंत्रित किया जा रहा है। प्रशासन रीवा के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के लिए कृत संकल्पित है।