रीवा लोकायुक्त की दबिश

मनगवां SDM का रीडर ने स्थगन हटाने और प्रकरण खारिज करने के लिए मांगी रिश्वत, 10 हजार लेते पकड़ाया

 

रीवा लोकायुक्त पुलिस ने मनगवां एसडीएम कार्यालय में दबिश देकर एक भ्रष्टाचारी रीडर को बेनकाब लिया है। सूत्रों का दावा है कि आरोपी रीडर कमलेश तिवारी ने किसान बिपुल मिश्रा की जमीन से स्थगन हटाने और प्रकरण खारिज करने के एवज में 10 हजार रुपए की रकम मांगी थी। आरोपी रीडर के खिलाफ पीड़ित किसान लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ के पास शिकायत लेकर पहुंचा था।

यहां शिकायत उपरांत आवेदन का सत्यापन कराया। शिकायत सही पाए जाने पर गुरुवार की दोपहर मनगवां अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कार्यालय में दबिश दी। जैसे ही किसाने ने रिश्वत की रकम आरोपी को सौंपी। वैसे ही लोकायुक्त की 15 सदस्यीय टीम ने रंगेहाथ ट्रेप किया है। फिलहाल आरोपी रीडर को विश्राम गृह ले जाया गया है। जहां भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया जा रहा है।



रीवा लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने बताया कि गुरुवार की दोपहर 12 बजे कमलेश तिवारी पद रीडर एसडीएम मनगवां को 10 हजार की रकम के साथ ट्रेप किया है। उसके खिलाफ शिकायतकर्ता बिपुल मिश्रा निवासी सेमरी कला तहसील मनगवां ने शिकायत की।

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किसान का दावा है कि आरोपी रीडर बिना पैसे के काम नहीं किया। बल्कि कई महीने से घूमा फिरा रहा था। जिससे धक हारकर किसान कुछ दिन पहले लोकायुक्त कार्यालय आया। रीडर के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने पर दबिश दी। जहां जेब में रकम रखते ही टीम पहुंच गई।

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डीएसपी ने धर दबोचा

ट्रेपकर्ता अधिकारी डीएसपी राजेश पाठक के नेतृत्व में, इंस्पेक्टर जिआ उलहक, उप निरीक्षक आकांक्षा पाण्डेय, सुरेश साकेत, मुकेश मिश्रा, पवन पाण्डेय, मनोज मिश्रा, प्रेम सिंह, लवलेश पाण्डेय सहित 15 सदस्यीय टीम ने एक साथ एसडीएम कार्यालय में दबिश दी। दावा है कि जेब में रकम रखते ही डीएसपी ने रीडर का हाथ पकड़ लिया। लोकायुक्त की अचानक कार्रवाई से एसडीएम कार्यालय में हड़कंप मच गया। पक्षकार और अधिकारी कर्मचारी भाग कर बाहर खड़े हुए।

प्राइवेट चालक को बनाया आरोपी

लोकायुक्त एसपी ने कहा कि एसडीएम के प्राइवेट चालक कृष्णेन्द्र कुमार वर्मा को भी आरोपी बनाया गया है। साथ ही संबंधित फाइल जब्त कर ली गई है। फाइल की जांच में जिसकी भी भूमिका समाने आएगी। उसको भी आरोपी बनाया जा सकता है।

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