REWA : सुरक्षाकर्मियों ने मरीज के परिजन को कमरे में बंद कर पीटा, थाने पहुंचा मामला

संजय गांधी अस्पताल परिसर में अव्यवस्था की स्थिति अपने चरम पर है। स्थिति यह है कि आए दिन यहां किसी न किसी बात को लेकर विवाद और मारपीट की स्थिति बनी ही रहती है। प्रबंधन द्वारा यहां व्याप्त समस्या के निराकरण को लेकर कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। जिसके कारण मरीजों के इलाज के लिए बना संजय गांधी अस्पताल रण का मैदान बना रहता है। फिलहाल सुरक्षाकर्मियों द्वारा मारपीट का यह मामला अमहिया थाने तक पहुंच गया है।




बताया गया है कि बीते दिवस ब्लड की जरूरत होने पर मरीज के परिजन विंध्या हॉस्पिटल से ब्लड की व्यवस्था कर एसजीएमएच पहुंचे। जहां चिकित्सकों ने किसी दूसरे अस्पताल से ब्लड लेने से मना कर दिया। इसी बात पर परिजन और चिकित्सक के बीच विवाद होने लगा। बताते हैं कि विवाद इतना बढ़ा कि मौके पर सुरक्षाकर्मी पहुंच गए।




यह घटना संजय गांधी अस्पताल के सीएमओ डॉक्टर अलख प्रकाश पांडेय की मौजूदगी में घटित हुई। जी हां ये वही सीएमओ डॉक्टर अलख प्रकाश पांडेय हैं जिसको सिरमौर चौराहे में लोकायुक्त ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा था।

सीएमओ कक्ष के खाली कमरे में पीटा चिकित्सकों से विवाद के बाद सुरक्षाकर्मी परिजन को लेकर सीएमओ कक्ष के समीप बने एक खाली कमरे में लेकर गए। जहां आधा दर्जन रहे सुरक्षाकर्मियों ने परिजन की बेदम पिटाई कर दी। सोशल मीडिया में वायरल हो गया।




 

कहता है प्रबंधन अस्पताल प्रबंधन के अधिकारियों की माने तो तीन युवक अस्पताल में नशा करके हंगामा कर रहे थे। सुरक्षाकर्मी युवकों को पकड़ कर सीएमओ कक्ष ले गए। जहां युवकों ने विवाद शुरू कर दिया। फिलहाल दोनों पक्ष खुद को सही बताने में लगे हुए है। घटना के सही कारणों का पता तो पुलिस जांच के बाद ही चल पाएगा। पूर्व में भी हुआ है विवाद एसजीएमएच में मारपीट का यह कोई पहला मामला नहीं है। गत दिवस भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था। इसके अलावा एसजीएमएच के आकस्मिक चिकित्सा विभाग, सर्जरी, गायनी और मेडिसिन वार्ड में पूर्व में भी कई घटनाएं घटित हो चुकी है। प्रबंधन की लापरवाही के कारण एसजीएमएच की व्यवस्था दिन ब दिन पटरी से उतरती जा रही है।




वही अमहिया थाना प्रभारी ने बताया की संजय गांधी अस्पताल में बीती रात मरीज के परिजन के साथ सुरक्षाकर्मियों द्वारा मारपीट का मामला सामने आया है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी

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