तहरीक-ए-तालिबान ने दिया आदेश 

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान  ने संघर्षविराम समझौते को खत्म कर दिया है। टीटीपी, ने अपने लड़ाकों को पूरे पाकिस्तान में हमले का आदेश भी दिया है।

 

 

जून में हुआ था समझौता 

आपको बता दे की पाकिस्तान की शहबाज सरकार और तहरीक-ए-तालिबान के बीच युद्ध विराम खत्म हो गया है। दरअसल, जून में हुए इस समझौते को टीटीपी ने खत्म कर दिया है। साथ ही अपने लड़ाकों को आदेश दिए हैं कि पूरे पाकिस्तान मे हमले करें , हालांकि सरकार की ओर से इस बारे में कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

 

 

 

टीटीपी ने पहले ही चेताया था 

आतंकी संगठन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उनकी ओर से कई बार संघर्ष विराम के उल्लंघन के बारे में चेतावनी दी गई थी, लेकिन इस ओऱ कोई ध्यान नहीं दिया गया। हम लंबे समय से धैर्य रख रहे थे। हम चाहते थे कि युद्ध विराम का उल्लंघन हमारी ओर से न हो।

 

टीटीपी ने कहा कि सेना और खुफिया एजेंसियां ​​​नहीं रुकीं। उन्होंने लगातार हमलों को जारी रखा। अब हमारी ओर से भी पूरे पाकिस्तानभर में जवाबी हमले किए जाएंगे.

 

 

 

सरकार ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया

टीटीपी के इस एक्शन के बाद सरकार और खुफिया एजेंसियों की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। दरअसल, TTP ने जून में सरकार के साथ युद्धविराम की घोषणा की थी, लेकिन सुरक्षाबलों पर भी हमले किए जा रहे थे। हालांकि इन हमलों की टीटीपी ने कभी भी जिम्मेदारी नहीं ली। इसके बजाय उन हमलों के लिए किरच समूहों को दोषी ठहराया था।

 

 

 

सरकार से बातचीत का कोई हल नहीं निकला

पाकिस्तान ने पिछले साल अंतरिम अफगान सरकार की मदद से टीटीपी के साथ बातचीत शुरू की थी। लेकिन तब हल नहीं निकला था। इसके बाद दोनों पक्षों ने इस साल मई में फिर से वार्ता शुरू की। इसके बाद जून में युद्ध विराम हुआ। हालांकि इसके भी दूरगामी परिणाम नहीं आए, क्योंकि सरकार ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में कबायली क्षेत्र के विलय को रद्द करने से इनकार कर दिया था।

 

 

 

आंतरिक मंत्रालय द्वारा जारी किया गया अलर्ट 

अक्टूबर में आंतरिक मंत्रालय ने टीटीपी के साथ शांति वार्ता ठप होने के बाद अधिकारियों को राष्ट्रव्यापी अलर्ट जारी करने के आदेश दिए थे, साथ ही कहा था कि टीटीपी से अत्यधिक सतर्कता रखनी होगी। मंत्रालय ने टीटीपी के उप-समूहों के इस्लामिक स्टेट में शामिल होने या आतंकी हमलों को फिर से शुरू करने की आशंका भी जताई है। वहीं, टीटीपी ने पाकिस्तानी सरकार पर अपनी मुख्य मांग को पूरा न करने का आरोप लगाया है।

 

पूर्व प्रधानमंत्री ने जताई चिंता

बिलावल भुट्टो जरदारी ने इस महीने की शुरुआत में सरकार से उग्रवादी संगठन से निपटने के लिए अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि आतंरिक सुरक्षा और आतंकवाद के संबंध में हमने जो निर्णय लिए हैं, उनकी समीक्षा करने का समय आ गया है। बिलावल ने कहा था कि यह स्वीकार करने में कुछ भी गलत नहीं है कि हम कुछ चीजों के बारे में गलत थे और कुछ अन्य चीजों के बारे में सही थे और अपने फैसलों के बारे में फिर से विचार करना होगा।

 

 

मलाला को  गोली टीटीपी ने ही मारी थी 

2012 में नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई पर टीटीपी द्वारा हमला किया गया जिस हमले में उनको गोली लग गयी थी, इलाज के लिए उन्हें सैन्य अस्पताल पेशावर में भर्ती कराया गया और फिर आगे के इलाज के लिए लंदन ले जाया गया था। आपको बता दे की टीटीपी ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा था कि यूसुफजई एक पश्चिमी सोच वाली लड़की थी इसलिए मारा गया हैं।

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