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बंद होगी ओला-उबर! दो किमी का वसूल रहे सौ रुपए किराया

भोपाल. सस्ता पब्लिक ट्रांसपोर्ट मुहैया कराने का दावा करने वाली ओला उबर Ola-Uber एवं रैपीडो कंपनी अनियमितताओं के चलते आरोपों के घेरे में है। कर्नाटक सरकार ने इन कंपनियों के संचालन पर रोक लगा दी है जबकि मध्यप्रदेश सरकार ने इस बार इनका परमिट नवीनीकरण प्रस्ताव स्थगित कर दिया है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर यह कंपनियां अब दिवाली के अवसर पर ग्राहकों की संख्या बढऩे के साथ ही मनमाना किराया वसूलने के लिए चर्चा में हैं। ओला उबर Ola-Uber की टैक्सी महज दो किलोमीटर की दूरी के लिए भी 100 रुपए तक का किराया वसूल रही हैं।




लोगों का आरोप है कि कटारा हिल से एयरपोर्ट तक जाने के लिए हजार से 15 सौ रुपए तक की वसूली हो रही है। इसी प्रकार नर्मदापुरम रोड से रानी कमलापति रेलवे स्टेशन Rani Kamalapati Railway Station तक पहुंचने के लिए 500 रुपए किराए की डिमांड की जा रही है। ओला-उबर एप्लीकेशन के माध्यम से टैक्सी करने के बाद जब ज्यादा किराया देने से इनकार किया गया तो ड्राइवर ने राइड कैंसिल करने कह दिया। राइड कैंसिल करने के फौरन बाद ग्राहक के खाते से 50 रुपए की राशि काट ली गई।




भोपाल शहर में अभी भी 3000 से ज्यादा टैक्सी ओला उबर के नाम पर चल रही है जबकि 500 से ज्यादा मोटरसाइकिल रैपीडो कंपनी संचालित कर रही है। परिवहन विभाग ने कंपनियों से पूछा है कि एमपी की गाइडलाइन का पालन क्यों नहीं हो रहा है एवं ड्राइवरों का पुलिस वेरिफिकेशन हुआ है तो इसका ब्योरा किस थाने में जमा किया गया है।




ग्राहकों का डाटा बेचने का आरोप टैक्सी सेवा का इस्तेमाल करने वाली कई महिला उपभोक्ताओं ने अलग-अलग जिलों में इस बात की शिकायत की है कि उन्हें ड्राइवरों के माध्यम से अश्लील कॉल किए गए। कई ग्राहकों ने खुद के साथ हुई साइबर धोखाधड़ी के लिए टैक्सी सेवा की एप्लीकेशन पर मांगी गई मंजूरी और यहां से डाटा लीक होने का आरोप भी लगाया है। स्टार्टअप के नाम पर शुरू की गई इन कंपनियों की साइबर सिक्योरिटी डिटेल से सरकार को नहीं मिलने के चलते यह कार्रवाई शुरू की गई है।




करोड़ों रुपए का कारोबार: बैंगलुरू से संचालित बाइक टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी रैपीडो अंतरराष्ट्रीय कंपनी उबर एवं भारतीय कंपनी ओला को पीछे छोड़ चुकी है। सोलो राइड का नारा देकर रेपिडो ने नवंबर 2015 से कामकाज शुरू किया था। छोटी दूरी की यात्रा के लिए कंपनी लगभग 6 रुपए प्रति किलो मीटर का किराया वसूलती है। इसके बदले आपके एंड्राइड मोबाइल पर एप्लीकेशन डाउनलोड करवाई जाती है। रैपीडो ड्राइवर को कुल बिल की राशि का 20 फ़ीसदी कमीशन देती हैं। ओला और उबर भी 20 से 25 प्रतिशत कमीशन देते हैं।




एंड्राइड एप्लीकेशन में अनेक परमीशन: ओला उबर रैपीडो जैसी सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए आपको अपने एंड्राइड मोबाइल पर प्ले स्टोर से संबंधित कंपनी का एप्लीकेशन डाउनलोड करना होता है। यह एप्लीकेशन तमाम तरह की परमिशन पर ओके करने के बाद ही डाउनलोड होता है। ग्राहकों का आरोप है कि उनके डिजीटल डाटा को लीक करने के लिए यह एप्लीकेशन जिम्मेदार हैं।



इस संबंध में प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत Transport Minister Govind Singh Rajput कहते हैं कि प्राइवेट कैब एवं बाइक कंपनियों के लिए नियमों का पालन अनिवार्य है। मंत्री के अनुसार हम शिकायतों की जांच के बाद कार्रवाई कर रहे हैं।

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