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Nobel Prize 2022: तीन वैज्ञानिकों को भौतिकी विज्ञान के लिए नोबेल प्राइज

2022 के लिए भौतिकी के नोबेल पुरस्कार का एलान हो गया है। इस साल ये पुरस्कार तीन वैज्ञानिकों को क्वांटम मैकेनिक्स के क्षेत्र में उनके काम के लिए दिया गया है। फ्रांस के वैज्ञानिक एलेन आस्पेक्ट, अमेरिका के जॉन एफ क्लॉसर और ऑस्ट्रिया के एंटन जेलिंगर को 10 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (करीब 7.5 करोड़ रुपये) मिलेंगे।

Nobel Prize 2022: रसायन के नोबेल का एलान, कैरोलिन बेरटोजी, मॉर्टन मिएलडॉल और के. बैरी शार्पलेस को मिला सम्मान

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने मंगलवार को स्कॉटहोम में इस पुरस्कार की घोषणा की।

ये तीनों वैज्ञानिक आखिर हैं कौन? इनकी रिसर्च किस बारे में थी? इसमें ऐसा क्या है, जिससे तीनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार मिला? तीनों वैज्ञानिकों में पुरस्कार की राशि का बंटवारा कैसे होगा? आखिर नोबेल पुरस्कार किस श्रेणी में दिए जाते है? इनकी शुरुआत कब से हुई? आइये जानते हैं…

इन वैज्ञानिकों को नोबेल सम्मान क्यों दिया गया?

नोबेल के अधिकारियों के मुताबिक इन वैज्ञानिकों को ये सम्मान एंटेंगल्ड फोटॉन्स के साथ उनके प्रयोग, क्वांटम मैकेनिक्स से जुड़ी बेल एनइक्वलिटी के उल्लंघन की स्थापना करने और क्वांटम सूचना विज्ञान में खोज करने के लिए दिया गया है।

Nobel Prize 2022: रसायन के नोबेल का एलान, कैरोलिन बेरटोजी, मॉर्टन मिएलडॉल और के. बैरी शार्पलेस को मिला सम्मान

इन वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया कि दो पार्टिकल्स काफी दूर होने के बाद भी कैसे बिल्कुल एक यूनिट की तरह व्यवहार करते हैं। इस घटना को क्वांटम एंटैंगलमेंट कहते हैं। क्वांटम एंटैंगलमेंट में एक पार्टिकल के गुणों को दूसरे पार्टिकल के गुणों की जांच करके पता लगाया जा सकता है। भले वो एक दूसरे से काफी दूर क्यों ना हों।

Nobel Prize 2022: रसायन के नोबेल का एलान, कैरोलिन बेरटोजी, मॉर्टन मिएलडॉल और के. बैरी शार्पलेस को मिला सम्मान

इस खोज के क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम नेटवर्क्स और सुरक्षित क्वांटम एन्क्रिप्टेड संचार में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है। आसान शब्दों में कहें तो क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम मकैनिक्स के इस्तेमाल से समस्याओं का भी समाधान कर सकते हैं जो आम कंप्यूटरों के लिए बहुत जटिल हैं।

नोबेल वेबसाइट के मुताबिक वैज्ञानिक लंबे समय से यह पता लागने की कोशिश कर रहे थे कि क्या आपस में उलझे पार्टिकल्स में कोई संबंध होता है। ये खोज इसी का जवाब देती है।

 

इस खोज से क्या बदल सकता है?

नोबेल की वेबसाइट के मुताबिक क्वांटम मकैनिक्स के मूल सिद्धांत केवल सैद्धांतिक या दार्शनिक मुद्दे नहीं हैं। इस क्षेत्र में गहन शोध और विकास जारी है। जिससे हर पार्टिकल सिस्टम के विशेष गुणों का पता लगाया जा सके। जिससे माप में सुधार, क्वांटम नेटवर्क का निर्माण और सुरक्षित क्वांटम एन्क्रिप्टेड संचार स्थापित हो। पुरस्कार कमेटी कहती है कि इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं ने इन उलझी हुई क्वांटम अवस्थाओं का पता लगाया है और उनके प्रयोगों ने क्वांटम प्रौद्योगिकी में वर्तमान में चल रही क्रांति की नींव रखी है।

Nobel Prize 2022: रसायन के नोबेल का एलान, कैरोलिन बेरटोजी, मॉर्टन मिएलडॉल और के. बैरी शार्पलेस को मिला सम्मान

एक दशक से नोबेल के दावेदारों में शामिल थे तीनों वैज्ञानिक

एलेन आस्पेक्ट, जॉन एफ क्लॉसर और एंटन जेलिंगर को नोबेल पुरस्कार दिए जाने की चर्चा कई वर्षों से हो रही थी। 2010 में इन तीनों को इस्राइल में वुल्फ पुरस्कार दिया गया था। जिसके बाद से ही उनके नोबेल के लिए दावेदारी बताई जाती रही है।

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इस बार कब-कब किस श्रेणी के नोबेल दिए जाएंगे?

सोमवार तीन अक्टूबर को चिकित्सा का नोबेल सम्मान स्वीडिश वैज्ञानिक स्वांते पैबो को दिया गया। उन्हें यह पुरस्कार मानव के क्रमिक विकास पर खोज के लिए दिया गया। पैबो ने आधुनिक मानव और विलुप्त प्रजातियों के जीनोम की तुलना कर बताया कि इनमें आपसी मिश्रण है।

 

मंगलवार को भौतिकी के नोबेल का एलान हुआ। बुधवार को रसायन विज्ञान और बृहस्पतिवार को साहित्य के क्षेत्र में इन पुरस्कारों की घोषणा की जाएगी। नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल की घोषणा 10 अक्तूबर को होगी।

क्यों मिलता है नोबेल पुरस्कार?

डायनामाइट का खोज करने वाले स्वीडन के उद्योगपति अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत में इन पुरस्कारों का जिक्र था। उन्होंने अपनी वसीयत में विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले लोगों को पुरस्कृत करने की बात कही थी।

 

साल 1896 में उनका निधन हो गया था। अल्फ्रेड नोबेल के निधन की पांचवीं पुण्यतिथि पर 1901 में यह सम्मान पहली बार दिए गए। वैज्ञानिक, लेखक, अर्थशास्त्रियों और मानवाधिकार से जुड़े लोगों को नोबेल पुरस्कार दिया जाता है। इस सम्मान के साथ एक डिप्लोमा, स्वर्ण पदक और 10 मिलियन क्रोनर (स्वीडिश करेंसी) (करीब 7.5 करोड़ रुपये) की राशि प्रदान की जाती है।

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