दोस्ती इंसान और सारस पक्षी की जिसने उत्तरप्रदेश की राजनीती को किया गर्म
आपको बता दें कि अमेठी के रहने वाले मोहम्मद आरिफ कि दोस्ती उत्तरप्रदेश के राजकीय पक्षी सारस से है, जहाँ भी वो जाते है सारस उनके साथ जाता है पिछले दिनों उनकी एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुई थीं जिसमे दिख रहा था कि आरिफ बाइक से कहीं जा रहें है और सारस साथ-साथ उड़ रहा था।
मिलने वालो का लगने लगा ताँता
जब से आरिफ और सारस की जोड़ी को लोगों ने मीडिया में देखा तब से आरिफ के घर दूर दूर से लोग आने लगे उनकी ये बेमिसाल जोड़ी देखने इसी कड़ी में उत्तरप्रदेश के जाने माने नेता समाजपार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का भी आना हुआ।
फिर पड़ी योगी सरकार कि नज़र
ये सब चल ही रहा था, आरिफ सारस कि दोस्ती कि कहानी पुरे देश में आग कि तरह फैलने लगी तभी उत्तरप्रदेश वन विभाग के अधिकारियो से ये जोड़ी नहीं देखी गयी और उन्होंने सारस पक्षी को आरिफ के पास से उठा ले गयी। उनका कहना था कि राजकीय पक्षी को कोई ऐसे नहीं रख सकता।
रायबरेली ले जाया गया सारस
खेल शुरू होता है यहाँ से जब उत्तरप्रदेश वन विभाग के अधिकारी सारस को रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में संरक्षित कर दिया, परन्तु कुछ ही समय बाद सारस गायब हो गया।
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अखिलेश यादव ने आंदोलन करने के लिए चेताया
आपको बता दें जब सारस पक्षी गायब हो गया तो अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा की –
उप्र वन-विभाग द्वारा अमेठी से ज़बरदस्ती ले जाकर रायबरेली के समसपुर पक्षी विहार में छोड़ा गया ‘बहुचर्चित सारस’ अब लापता है। उप्र के राज्य-पक्षी के प्रति ऐसी सरकारी लापरवाही एक गंभीर विषय है।
भाजपा सरकार तत्काल सारस खोजे, नहीं तो पूरी दुनिया के पक्षी-प्रेमी आंदोलन करेंगे.…
फिर मिल ही गया सारस
आखिरकार ‘बी सैया’ गांव में सारस मिल ही गया। सारस के मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने “उप्र के पक्षी प्रेमी ‘बी सैया’ गांव को धन्यवाद कहा। जिसने सारस को बचाया, खिलाया-पिलाया और वो काम कर दिखाया, जिसमें उप्र सरकार नाकाम रही। सच तो ये है कि प्रेम से बड़ी सत्ता और कोई हो ही नहीं सकती। बीजेपी अगर समय रहते ये समझ लें तो शायद उनके अंदर की नफरत कुछ कम हो जाए।