राहुल गाँधी की सदस्यता हुई थी रद्द

सर्व विदित है कि 23 मार्च 2023 को सूरत के सेशन कोर्ट ने मानहानि के मामले में राहुल गाँधी को 2साल कि सजा सुनाई थी, जिसको आधार बना कर लोकसभा सचिवालय ने 24 मार्च 2023 राहुल गाँधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी थी। जिसको लेकर काफ़ी विरोध प्रदर्शन हो रहा है, इस मामले में पूर्व लोकसभा महासचिव के बायन से राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ गई।

 

 

क्या है पूरा मामला

आपको बता दें की वायनाड से सांसद राहुल गाँधी 2019 के आम चुनाव में मोदी सरनेम को लेकर टिप्पणी कर दी थी, जिसको आधार बना कर सूरत सेशन कोर्ट में मानहानि याचिका दायर की गई थी जिसका फैसला 23 मार्च 2023 को आया। सूरत सेशन कोर्ट ने फैसले में कहा गया की राहुल गाँधी को 2 साल की सजा होगी, जिसको आधार बनाते हुए अगले ही दिन लोकसभा सचिवालय ने राहुल गाँधी की सांसद सदस्यता रद्द कर दी।

अब इस मामले में 2004 से 2014 तक संसद के महासचिव रहें पी टी डी आचर्य का बयान आया।

जिनका कहना है की राहुल गाँधी की सदस्यता गलत तरीके से छीनी गई है, राष्ट्रपति की अनुमति नहीं ली गई इस कारण कोर्ट में चुनौती देने पर ये फैसला खारीज हो जायेगा और राहुल गाँधी की सदस्यता बहाल हो जाएगी।

 

कानून क्या कहता है

जन प्रतिनिधि अधिनियम 1951 कहता है की यदि किसी सदस्य को 2 या 2 से अधिक वर्ष की सजा सुनाई गई हो तो इसको आधार बना कर सदस्यता रद्द की जा सकती है परन्तु सूरत सेशन कोर्ट ने अपने फैसले को 30 दिन के लिए रोक कर रखा है, मतलब अभी तक सजा नहीं हुई ऐसे में सदस्यता रद्द नहीं कर सकते थे लेकिन मोदी सरकार ने जल्दवाजी दिखाई जिसके चलते बैकफुट पर आ गई है।

 

अनुच्छेद 103

अनुच्छेद 103 कहता है की यदि किसी सांसद की सदस्यता रद्द करनी है तो राष्ट्र पति से अनुमति लेगा तथा राष्ट्पति चुनाव आयोग से विचार विमर्श करेगा जिसका राहुल गाँधी के मामले में पालन नहीं किया है।

बहरहाल कांग्रेस की लीगल टीम सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है अब देखना दिलचस्प होगा की कोर्ट क्या फैसला करता है।

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